अभिषेक कुमार अम्बर
तुम्हारी जीत हो जाये/अभिषेक कुमार अम्बर
September 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम्हारी जीत हो जाये हमारी हार हो जाये,
जरा संभल मेरे दिल तू कही फिर प्यार हो जाये।
यही बस सोच कर दिन खड़ा रहता हूँ राहों में,
अभी घर से वो निकलेगी हमें दीदार हो जाये।
अभिषेक कुमार अम्बर