बहारो मे जब अकसर कुछ फूल आते है

March 11, 2018 in ग़ज़ल

बहारो मे जब अकसर कुछ फूल आते है

ये पौधे बेबसी अपनी अकसर भूल जाते है

कुछ इस तरह मिलती है निगाह अजनबी से

कहना क्या होता है हम अकसर भूल जाते है

कल सरे राह नजरो की जो हम ने झलक देखी

वो कत्लेआम वाली रात अकसर भूल जाते है

मोहब्बत कैसे समझाऊ क्या एहसास होता है

सपने तुम्हारे देखते है जगना भूल जाते है

कुछ ऐसी हालत हो गयी है ज़िन्दगी की अब 

सुबह जो याद आता है शाम को भूल जाते है

मोहब्बत हो जाये तो समझना है बहुत आसान 

बहुत कुछ याद आता है बहुत कुछ भूल जाते है 

अनंत जैन
श्योपुर (म.प्र.)

इश्क का दिलो में सुरूर होना चाहिए

March 9, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

इश्क का दिलो में सुरूर होना चाहिए,
मोहब्बत हो या जंग भरपूर होना चाहिए !

ग़र हो इंसा तो इंसानियत सजालो सर पे,
ये वो अदा है जो हर शख्स में जरुर होना चाहिए !

सुन मेरे हमदम ! उम्र से जवानी कभी नापी नहीं जाती,
दिलो में जवानी भरपूर होना चाहिए !

चेहरे पर हसी चाल में दमख़म,
यही एक दौलत है जो जरुर होना चाहिए !

अनंत जैन
श्योपुर (म.प्र.)

New Report

Close