अनुवाद
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Rakesh Saxena wrote a new post, जीभ महान् 2 hours, 46 minutes ago
हिम्मत तो देखो ज़ुबान की, कैंची जैसी चलती है,
बत्तीस दांतों घिरी होकर भी निडर हो मचलती है।
बिना हड्डी की मांसल जीभ, कई कमाल करती है,
फंसा दांत में तिनका, निकाल के ही दम भरती है।।दुनियां भर के स्वाद का […]
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Geeta kumari wrote a new post, *नेकी* 1 day, 12 hours ago
नेकी कर दरिया में डाल,
यह कहावत बड़ी कमाल।
आओ सुनाऊं एक कहानी,
नेकी करने की उसने ठानी।
उस ने नेकी कर दरिया में डाली,
वह नेकी एक मछली ने खा ली।
नेकी खाकर मछली हो गई,
खुशियों से ओत प्रोत।
नेकी कर और ब […] -
Rakesh Saxena and
Kanchan Dwivedi are now friends 1 day, 23 hours ago
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Rakesh Saxena and
Sanjay Narayan Nectar are now friends 2 days, 3 hours ago
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Rakesh Saxena wrote a new post, लापरवाही – व्यंग्य 2 days, 3 hours ago
लाख समझाने पर भी, गली-बाजार में भीड़ करें,
बिना मास्क खुल्लमखुल्ला सबसे वार्तालाप करें।
सेनेटाइजर का इस्तेमाल, हाथ धोना भी बंद करें,
आओ साथी हम भी मरें, औरों का इंतजाम करें।।बार-ब […]
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Rakesh Saxena and
Pt, vinay shastri 'vinaychand' are now friends 2 days, 4 hours ago
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Rakesh Saxena and
Vanshika Yadav are now friends 2 days, 5 hours ago
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Rakesh Saxena wrote a new post, राधे कृष्ण सा प्रेम धागा 2 days, 12 hours ago
हवा में उड़ाओ पतंग,
खुद को जमीं पे खड़ा रखो।दान धर्म करके बंधुवर,
अपना दिल भी बड़ा रखो।घमण्ड रुपी पतंग कटवाकर,
सपनों को बुलंद रखो।रंग-बिरंगी पतंगों जैसा ,
परचम अपना लहराए रखो।धागे अने […]
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Rakesh Saxena wrote a new post, बम लहरी, बम बम लहरी 2 days, 19 hours ago
बम लहरी, बम बम लहरी
(शिव महोत्सव विशेष)
शिव शम्भू जटाधारी, इसमें रही क्या मर्जी थारी,
सर पे जटाएं, जटा में गंगा, हाथ रहे त्रिशूलधारी।
गले से लिपटे नाग प्रभू, लगते हैं भारी विषधारी,
असाधारण वेश बना र […] -
Geeta kumari wrote a new post, मुस्कुराना 3 days, 23 hours ago
मुस्कुरा कर बोलना,
इन्सानियत का जेवर है।
यूं तेवर न दिखलाया करो,
हम करते रहते हैं इंतज़ार आपका,
यू इंतजार न करवाया करो।
माना गुस्से में लगते हो,
बहुत ख़ूबसूरत तुम
पर हर समय गुस्से में न आया करो।
बिन खता क […]-
मुस्कुरा कर बोलना,
इन्सानियत का जेवर है।
यूं तेवर न दिखलाया करो,
हम करते रहते हैं इंतज़ार आपका,
– रोमानियत अंदाज की बहुत खूबसूरत पंक्तियां। मुस्कुराने को प्रेरित करती शानदार रचना। बेहतरीन शिल्प, खूबसूरत भाव।-
इतनी सुन्दर और प्रेरणा देती हुई समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत
बहुत धन्यवाद सतीश जी।आपकी समीक्षा वास्तव में कवि हृदय में उत्साह का संचार करती हैं, हार्दिक आभार सर
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अतिसुंदर भाव
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बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
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मुस्कराहट दिलों को जोड़ती है,
क्रोध रिश्ते, इज्जत और दिल सबकुछ खत्म कर देता है
सुंदर रचना-
समीक्षा के लिए धन्यवाद सर 🙏
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सुंदर रचना गीताजी। वैसे देखा जाए तो सही मायने में मुस्कुराहट की कीमत तेवर झेलने बाद ही तो समझ आती है !
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समीक्षा हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद अनु जी
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सर्वश्रेष्ठ कवि, सर्वश्रेष्ठ आलोचक और सर्वश्रेष्ठ सदस्य सम्मान की बहुत बहुत बधाई गीता जी।
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बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी 🙏
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Geeta kumari wrote a new post, जीवन 4 days, 1 hour ago
सब्र की जरूरत है,
समय सब कुछ बदलता है।
परिवर्तनशील इस संसार में,
सांझ तक सूर्य भी ढलता है।
जीवन में श्रेष्ठ कर्म करो,
यह रामायण सिखाती है।
द्वेष,बैर भाव और लालच को,
महाभारत दर्शाती है।
महाभारत ग्रंथ ने […]-
सब्र की जरूरत है,
समय सब कुछ बदलता है।
परिवर्तनशील इस संसार में,
सांझ तक सूर्य भी ढलता है।
— आपकी रचना बहुत श्रेष्ठ रचना है। शिल्प व भाषा का सुन्दर समन्वय। जीवन दर्शन से समाहित अद्भुत समन्वय-
आपकी इस उत्कृष्ट और प्रेरक समीक्षा हेतु धन्यवाद करने को शब्द नहीं मिल रहे हैं सतीश जी।इस सुंदर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक आभार सर
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बहुत सुंदर
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धन्यवाद भाई जी 🙏
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धीरज सफलता की कुंजी है
बहुत खूब-
धन्यवाद सर 🙏
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Geeta kumari wrote a new post, वह बेटी बन कर आई है 4 days, 1 hour ago
एक युवती बन कर बेटी,
मेरे घर आई है।
अपने खेल खिलौने माँ के घर छोड़कर,
हाथों में लगाकर मेहंदी
और लाल चुनर ओढ़ कर
मेरे घर आई है।
छम छम घूमा करती होगी,
माँ के घर छोटी गुड़िया सी
झांझर झनकाकर, चूड़ि […]-
एक युवती बन कर बेटी,
मेरे घर आई है।
अपने खेल खिलौने माँ के घर छोड़कर,
हाथों में लगाकर मेहंदी
और लाल चुनर ओढ़ कर
मेरे घर आई है।
—— बहुत खूब, बेहतरीन रचना, भाव व शिल्प का अद्भुत समन्वय -
बहुत सुंदर और प्रेरक समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सर
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अतिसुंदर भाव
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सादर आभार भाई जी 🙏
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बेटी
बचपन की यादों को
संजोकर
चली ससुराल-
आभार सर🙏
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Rakesh Saxena wrote a new post, चिंता से चिता तक 4 days, 17 hours ago
मां बाप को बच्चों के भविष्य की चिन्ता,
महंगे से स्कूल में एडमिशन की चिन्ता।
स्कूल के साथ कोचिंग, ट्यूशन की चिन्ता,
शहर से बाहर हाॅस्टल में भर्ती की चिन्ता।।जेईई, नीट, रीट कम्पीटीशन की चिन्ता,
सरकारी, विदेश […]-
समसामयिक यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई बहुत सुन्दर रचना
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फर्ज निभाकर अब कर्ज चुकाने की चिंता,
बुढ़ापे तक कोल्हू में फंसे रहने की चिंता।
बच्चों के होते अकेले पड़ जाने की चिंता,
मरने तक बच्चों के वापिस आने की चिंता।।
—– सुन्दर पंक्तियां, सच्चे भाव। मानव जीवन के निरंतर चिंता में रहने के सच्चे भावों की सच्ची प्रस्तुति हुई है। कविता में जीवन दर्शन है। भाव व शिल्प का बेहतरीन तालमेल है।-
धन्यवाद् सर 🙏😊
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वाह
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Geeta kumari wrote a new post, राधा मोहन गीत 4 days, 23 hours ago
कान्हा ने बोला राधा से,
तेरी ये अखियां कजरारी।
मन मोह लेती हैं मेरा प्यारी,
इठलाती फिर राधा बोली।
मोहन तुम्हारी मीठी बोली,
हर लेती है हिय को मेरे,
भागी भागी आती हूं सुन, […]-
राधाकृष्णन का मधुर वार्तालाप
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण-
सुन्दर समीक्षा हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏
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राधे राधे
बहुत सुन्दर भाव-
धन्यवाद अनु जी। राधे राधे
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भागी भागी आती हूं सुन,
मीठी तेरी बंसी की धुन।
कान्हा बोले मृदुल भाषिणी,
सुन मेरी सौन्दर्य राषिणी
—– कवि गीता जी की बहुत सुंदर कविता है यह। भाव की मधुरिमा पाठक हृदय में मिठास का संचार करने में पूरी तरह सक्षम है। शिल्प भी श्रेष्ठ भाव भी उत्तम, अभिव्यक्ति और भी लाजवाब। बहुत खूब-
कविता की इतनी सुंदर और उत्साह वर्धक समीक्षा एक विद्वत ही कर सकता है। आपकी कलम से निकली इस सुंदर एवं उत्साह प्रदान करती हुई समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी।कविता के भाव को अच्छी प्रकार से समझने के लिए अभिवादन सर
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अतिसुंदर भाव
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शुक्रिया भाई जी
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Geeta kumari wrote a new post, शान्ति का पथ 5 days ago
क्रोध हर लेता है मति,
करता है तन-मन की क्षति।
क्रोध की ज्वाला में न जल,
क्रोध तुझे खाएगा प्रति पल।
क्रोध का विष मत पीना,
मुश्किल हो जाए जीना।
छवि नहीं देख पाता है कोई,
कभी उबलते जल में।
सच्चाई ना देख स […]-
शान्ति में ही है तेरी भलाई।
शान्ति का पथ अपना ले,
शान्ति की शक्ति पहचान
शान्ति में ही सुख मिलेगा
— शांति के पथ पर चलने की प्रेरणा देती कवि गीता जी की उच्चस्तरीय रचना है यह। शिल्प व भाव दोनों ही बहुत सुंदर हैं। लेखनी की यह निरंतरता सदैव ही बनी रहे। -
उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक स्वागत और धन्यवाद सतीश जी🙏
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बहुत सुंदर
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धन्यवाद भाई जी 🙏
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, उदास खिलौना : बाल कबिता 5 days ago
मेरी गुड़िया रानी आखिर
क्यों बैठी है गुमसुम होकर।
हो उदास ये पूछ रहे हैं
तेरे खिलौने कुछ कुछ रोकर।।
कुछ खाओ और मुझे खिलाओ
‘चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।। […]-
छोटी सी गुड़िया रानी पर बहुत सुंदर कविता
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बहुत बहुत शुक्रिया बहिन
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कवि शास्त्री जी की बेहतरीन रचना। कवि ने प्यारी गुड़िया से जुड़ी बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति की है। कविता में कोमलता है, स्नेह की व्यापकता है औऱ बहुत मधुरता है। वाह
चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।।
वश मुन्नी तू इतना कर दे।-
बहुत बहुत धन्यवाद पाण्डेयजी इतनी सुंदर समीक्षा हेतु
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मासूम गुड़िया की नटखट हरकतों पर बहुत सुंदर रचना
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धन्यवाद प्रभु
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Geeta kumari wrote a new post, स्नेह की संजीवनी 5 days, 22 hours ago
जब हर ओर निराशा हो,
आशा की किरण दिखा देना।
जब राहों में हो घोर निशा,
दीपक बन कोई राह दिखा देना।
कोई साथ दे ना दे,
तुम अपना हाथ बढ़ा देना।
दर्द में जब कोई तड़प रहा हो,
स्नेह की संजीवनी पिला देना।
बनकर पथ प् […]-
अतिसुंदर भाव
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बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
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जब हर ओर निराशा हो,
आशा की किरण दिखा देना।
जब राहों में हो घोर निशा,
दीपक बन कोई राह दिखा देना।
—— कवि गीता जी की एक एक पंक्ति बहुत लाजवाब है। कविता में मौलिकता है। आदर्श है। कम शब्दों में बड़ी बात कही गयी है।-
कविता की इतनी सुंदर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।आपकी लेखनी से निकली इस प्रेरक समीक्षा हेतु तहे दिल से शुक्रिया
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Geeta kumari wrote a new post, लालच वृद्धि करता प्रति पल 5 days, 22 hours ago
जंगल का दोहन कर डाला,
इन्सान तेरे लालच ने।
कुदरत के बनाए पशु-पक्षी भी ना छोड़े,
इन्सान तेरे लालच ने।
हाथी के दांत तोड़े,
मयूर के पंख न छोड़े
मासूम से खरगोश की
नर्म खाल भी नोच डाली […]-
अतिसुंदर रचना
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सादर धन्यवाद भाई जी बहुत-बहुत आभार 🙏
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सुंदर पक्षी ना शुद्ध पवन
कैसा होगा अपना कल।
लगा लगाम लालच पर अपने
सोच यही होगा इसका फ़ल।।
अद्भुत लेखन, लाजवाब कविता। वास्तविकता को पूरी तन्मयता के साथ प्रस्तुत किया गया है। भाषा सरल व सहज है। वाह-
इतनी सुन्दर समीक्षा हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी।
आपकी दी हुई समीक्षाएं सदैव ही उत्साहवर्धन करती हैं।
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Rakesh Saxena wrote a new post, जाने तुम कहां गये 6 days, 12 hours ago
अरमानों से सींच बगिया,
जाने तुम कहां गए।
अंगुली पकड़ चलना सीखाकर,
जाने तुम कहां गए।।सच्चाई के पथ हमको चलाकर,
जाने तुम कहां गए।
हमारे दिलों में घर बनाकर,
जाने तुम कहां गए।।तुम क्या जानो क्या क्या […]
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Geeta kumari wrote a new post, क्या पता .. 6 days, 16 hours ago
किस मोड़ पर मंज़िल
कर रही है इन्तज़ार,
क्या पता …
किस राह में हो जाए
दीदार-ए यार
क्या पता…
जीत एक रास्ता है,
हार एक अनुभव
है जीवन का।
कल क्या हो,
किसी को क्या पता…
____✍️गीता-
Nice
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Thanks for your nice compliment .
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वाह
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आभार भाई जी🙏
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किस मोड़ पर मंज़िल
कर रही है इन्तज़ार,
क्या पता …
किस राह में हो जाए
——– बहुत ही सुंदर रचना। उच्चस्तरीय भाव।-
प्रेरक और उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी
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सच है गीता जी कल किसने देखा है। किंतु आज को संवारने की कोशिश ज़रूर हमारे हाथों में है।
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धन्यवाद अनु जी
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