मुक्तक

July 12, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अगर है शौक़ कविता का तो ये उलझन ज़रूरी है !
किसी के प्यार में क़ुरबान हो जीवन ज़रूरी है !!

कई एक रोज़ से मॉ ने मेरा माथा नही चूमा !
मेरे माथे को मेरी मॉ का एक चुम्बन ज़रूरी है !!

सावन ज़रूरी है

July 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुखों का रास जो रच ले वही मधुवन ज़रूरी है !
लबों की प्यास जो रख ले वही सावन ज़रूरी है !!

बहुत हम बंट के रह आए हमें ये सोचना होगा !
जहॉ सब मिलके अब बैठें वही आंगन ज़रूरी है !!

 

प्रीति जलती है आग की तरह

May 15, 2016 in शेर-ओ-शायरी

प्रीति जलती है आग की तरह !
और बजती है राग की तरह !!
प्रेम की फ़स्ल आज के इंसा !
काट देते हैं साग की तरह !!

सामूहिकता से मिटे दुनिया के हर शूल

May 3, 2016 in शेर-ओ-शायरी

सामूहिकता से मिटे दुनिया के हर शूल !
निजता में सब बांटके करते भारी भूल!!

ज्योति

April 14, 2016 in शेर-ओ-शायरी

हजारो लोग तम लेकर, निगलने दौड़ पड़ते हैं !

अगर एक ज्योति हल्की सी, कहीं दिखलाई पड़ती है

सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है

March 27, 2016 in शेर-ओ-शायरी

सुकूं का बदन आज खस्ता बहुत है !
लुटेरों का दुनिया में दस्ता बहुत है !!
है सब कुछ यहॉ पर अभावों का ताना !
मिले कुछ नही पर व्यवस्था बहुत है !!

पैसा ही ईमान

March 20, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पाप पुण्य कुछ भी नही, ऐसा हुआ जहान!
पैसा ही भगवान है पैसा ही ईमान !!

आजकल देवता और दनुज कुछ नही

March 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आजकल देवता और दनुज कुछ नही !
ज्येष्ठ भ्राता सखा या अनुज कुछ नही !!
एक दूजे को सब लूटने पर लग गए !
अब किसी से रहा कोई जुज कुछ नही !!

गांव गांव में नगर नगर में बीमारी

February 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

गांव गांव में नगर नगर में बीमारी !
यज्ञ हवन में धूप अगर में बीमारी !!
निजपूँजी के हवस ने ऐसा कर डाला!
वही लुटेरी डगर डगर में बीमारी !!

जिसको प्यार सिखाया मैने

February 17, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जिसको प्यार सिखाया मैने !
राह सही दिखलाया मैने !!
आज वही है जान का दुश्मन !
अपना जिसे बनाया मैने !!

कोई अपना बनाना चाहता है

January 30, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कोई अपना बनाना चाहता है!
मुझे दिल से लगाना चाहता !!
जीस्त को देके गहरा प्यार यारो!
मुद्दतो फिर भुलाना चाहता है!!

मन तुम्हारा गीत सा

January 19, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मन तुम्हारा गीत सा ,
पावन सुरीला !
तन मधुर मकरंद से,
आवेष्टित !
भाव का भ्रम जाल है,
चारो तरफ!
कामनाओं से भरी,
मनुहार हो तुम!
स्वप्न का संसार हो तुम !!

आर्य हरीश कोशलपुरी

सॉझ को आखिर सुख का सवेरा कब तक लिक्खूं

January 16, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

सॉझ को आखिर सुख का सवेरा कब तक लिक्खूं !

उजियारे को घोर अंधेरा कब तक लिक्खूं !!

चारो तरफ है घोर निराशा फिर भी आशा लिख देता हूं !

सारे सुखों पे दुःख का डेरा कब तक लिक्खूं !!

जब तक रहेगा हिंदू मुसलमान जहॉ में

January 13, 2016 in Other, हिन्दी-उर्दू कविता

जब तक रहेगा हिंदू मुसलमान जहॉ में !
रोयेगा फूट फूट के इंसान जहॉ में!!
आओ गिरा दें मजहबी दीवार जहॉ से !
हो जाय ज़रा सत्य का सम्मान जहॉ में !!

कुछ लोग कह रहे हैं ज़माना बदल गया

January 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

कुछ लोग कह रहे हैं ज़माना बदल गया !
नज़रें बदल गई हैं निशाना बदल गया !!
मुद्दत की अपनी लाश है पहचानिए ज़रा !
केवल कफ़न नया है पुराना बदल गया !!

आर्य हरीश कोशलपुरी

वर्ष कलैंडर शाल हैं बदले !

January 10, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

वर्ष कलैंडर शाल हैं बदले !
किंतु न अपने हाल हैं बदले !!
नये साल का शोर करो मत !
पेड़ों ने बस छाल हैं बदले !!
थोड़ा चतुर हुई क्या मछली !
मछुवारों ने जाल हैं बदले !!
वही आरती वाले कर हैं !
बस स्वागत के थाल हैं बदले !!
एक गोल के चट्टे बट्टे !
थोड़ा सा पगताल हैं बदले !!
धन धरती सामूहिक कर लो!
दद्दा देखो काल हैं बदले !!


आर्य हरीश
जिलासचिव -प्रलेस अ० न०

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