Deepak Singh
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, उदास खिलौना : बाल कबिता 1 hour, 44 minutes ago
मेरी गुड़िया रानी आखिर
क्यों बैठी है गुमसुम होकर।
हो उदास ये पूछ रहे हैं
तेरे खिलौने कुछ कुछ रोकर।।
कुछ खाओ और मुझे खिलाओ
‘चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।। […] -
Suman Kumari wrote a new post, रूपरेखा 2 days, 15 hours ago
ख़ुद पर ऐतवार कर पर भूलकर भी न किसी पर
विश्वास कर।
खुद के ही बल पर अपने जीवन की रूपरेखा तराश कर।।
कब कोई अपना,अपनी अंगुली को घुमा,तोहमत तुझपे लगा देगा
तेरी हर जायज़ कोशिश को भी, तेरी ही गलती बना द […] -
Pragya Shukla and
Ashmita Sinha are now friends 6 days, 1 hour ago
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Rishi Kumar and
Ashmita Sinha are now friends 6 days, 1 hour ago
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' and
Ashmita Sinha are now friends 6 days, 1 hour ago
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Satish Pandey wrote a new post, काँव काँव मत करना कौवे 6 days, 3 hours ago
काँव काँव मत करना कौवे
आँगन के पेड़ों में बैठ
तेरा झूठ समझता हूं मैं
सच में है भीतर तक पैठ।
खाली-मूली मुझे ठगाकर
इंतज़ार करवाता है,
आता कोई नहीं कभी तू
बस आंखें भरवाता है।
जैसे जैसे दुनिया बदली
झूठ लगा बढ़ने […] -
Satish Pandey wrote a new post, मनुष्य हो तुम 6 days, 4 hours ago
मनुष्य हो तुम
मनुष्यता सदैव पास रखो
पाशविक वृत्तियों को
पास आने न दो।
दया का भाव रखो
प्रेम की चाह रखो
ठेस दूँ दूसरे को
भाव आने न दो।
दया पहचान है कि
आप में मनुष्यता है
अन्यथा फर्क क्या है
फर्क का भान र […] -
Vasundra singh and
Rakesh Saxena are now friends 6 days, 20 hours ago
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Pragya Shukla wrote a new post, “किसान आन्दोलन” 6 days, 20 hours ago
जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
————- […]-
बहुत ख़ूब किसानों पर अति उत्तम रचना
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बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
सराहनीय प्रस्तुति-
बिल्कुल सही कहा है आपने
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आपका धन्यवाद
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आपका धन्यवाद
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Thank u Geeta di
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बहुत बहुत ही सुंदर रचना
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आपका धन्यवाद
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अति सुंदर रचना
फोटो पर सटीक बैठती हुई रचना
आपने शब्दों के माध्यम से मस्तिष्क में किसानों की व्यथा को खींच दिया है
शब्दों के माध्यम से फोटो का रेखांकन अति सुंदर है
जिसकी तुलना नहीं करी जा सकती है
किसान आंदोलन पर बहुत ही मार्मिक प्रस्तुतीकरण-
आपका धन्यवाद
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सराहनीय प्रज्ञा जी
ऐसे ही लिखते रहिए।-
Tq
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आपकी लेखनी हमेशा की कमाल करती है बहन प्रज्ञा जी।
आपने किसान की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है। आप यूं ही ज्वलन्त विषयों पर लिखती रहे।
सादर अभिवादन-
Thanks
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अतुलनीय काव्य रचना।
चित्र का सजीव चित्रण।
किसान बिल और उससे प्रभावित अन्नदाता का करुण वर्णन अत्यधिक प्रभावशाली चित्रण।-
Thanks bro
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बहुत सुन्दर काव्य रचना ।
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Thanks bhabhi
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आपने शब्दों के द्वारा फोटो को सजीव बना दिया है..
कविता को सार्थक बनाकर एक किसान की सूखी रोटी को देखकर मंशा को प्रकट किया है जो काबिले तारीफ है…
सच में बड़ा ही मार्मिक चित्र दिया गया है सावन द्वारा जिसके लिए सावन प्रशंसा का पात्र है..ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए जिससे कवियों की साहित्य क्षमता को और तराशा जा सकेगा…..-
आभार
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किसान आन्दोलन में सब किसान ही नही हैं प्रज्ञा जी
कुछ राजनीति की रोटियां सेंकने वाले भी हैं जिन्होंने किसानों की छवि धूमिल की.
परंतु 200 किसानों के मरने पर बीजेपी के नेता दुख प्रकट करने की बजाय कहते हैं कि इतने महीनों में इतने किसान तो मर ही जाते हैं… कोई हार्टअटैक से मरता है कोई बुखार से…यानी किसानों का मरना स्वाभाविक है शर्म आनी चाहिए ऐसी सोंच पर…
आपकी हर एक पंक्ति खूबसूरत है परंतु मुझे इसी बात पर रोना आया….“दो सौ से ज्यादा किसान भाईयों की मृत्यु हुई
हम भारत मां के लाल बचाने आए हैं”
मार्मिक भाव और सुंदर शिल्पकारिता….👌👌👌👌👌-
आपको समझ में आई
आपका धन्यवाद
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सच में सरकार कान में तेल डालकर बैठी है
किसान की समस्या सुनने को तैयार नहीं है आखिर भारत देश में किसानों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है??? क्या जरूरत थी जो किसान बिल बना ? और यदि बना भी तो जब किसान ही संतुष्ट नहीं तो किस काम का ???-
Tq
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You are a professional poet as well as a painter, that is why you understand the picture closely, then only your poet sees what is the spirit of the picture, I am convinced of your writing, I am bowing before you…
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Thanks a lot
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There is truth in your poem.
You have imprinted the picture in the brain through your poem.
I would just like to say that you are a pen magician..-
Right
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Tq
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You made the photo come alive with words ..
The poem is meaningful and adorned with beautiful artistry, you are amazing, Pragya ji …-
Tq
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मैं पहली बार सावन पर आया और देखा कि यहां हर कवि दूसरे कवि की सराहना करता है निन्दा नही करता..
आपकी कविता १००% सत्य है और हृदय को छूने वाली है
फोटो पर कविता लिखना बहुत पसंद आया मुझे..
आपकी कविता और उसकी व्याख्या तथा समीक्षा भी बहुत सुंदर है…..-
आपका धन्यवाद
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Beautiful poet and thoughtful poetry
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Thanks chachu
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Photo ke har Ang ko vyakt karti rachna
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Thanks chachu
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जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
Waah very nice poetry 👌👌👌👌
Your poetry out of the world-
Thank u my friend
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बहुत ही मार्मिक कविता ।
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आभार भाई
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आपकी कविता फोटो पर बहुत सटीक बैठती हैl किसानों का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया है
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धन्यवाद मामाजी
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आपने किसान की व्यथा पर बहुत ही सजीव वर्णन किया हैl
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धन्यवाद मामीजी
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Very nice
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Tq
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फोटो पर सटीक बैठती हुई बहुत ही मार्मिक कविता का प्रस्तुतीकरण l
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आपका धन्यवाद
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बहुत ही सुंदर काव्य रचना ।
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आपका धन्यवाद दी
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आपकी कविता और उसकी व्याख्या बहुत ही सुंदर है
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Thank u dear arihant
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मैं बहुत प्रसन्न हूं कि सावन अब कमेंट की संख्या के आधार पर नही बल्कि कविता की समग्रता और गुणवत्ता को ध्यान में रखकर विजेता चुनता है जिससे साहित्य का उत्थान होता है और कवि प्रोत्साहित हो अच्छा लिखते हैं..
मैं यही चाहूंगा कि गुणवत्ता की विजय हो वह कवि चाहे आप हों या कोई और..
सावन का यह सकारात्मक स्वरूप हमें उसमें विश्वास पैदा करता है… -
रही बात फोटो प्रतियोगिता की तो मैंने देखा कि आपकी कविता उस पर सटीक बैठती है
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Nice poetry Dii ❤️❤️
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सुन्दर प्रस्तुति
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आपने किसान आंदोलन के दर्शन करा दिए अपनी कविता के माध्यम से।
किसान आंदोलन का यथार्थ चित्रण किया है आपने,
एक गरीब किसान की मनोदशा का इससे सुंदर वर्णन हो ही नहीं सकता।
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Vasundra singh wrote a new post, अन्नदाता 1 week ago
मैं किसान हूं
समझता हूं मैं अन्न की कीमत
क्योंकि वो मैं ही हूं
जो सींचता हूं फसल को
अपने खून और पसीने से
मरता हूं हर रोज
अपने खेत की फ़सल को जिंदा रखने के लिये
ताकि रहे न कोई भूखा
कोई इस दुनिया में
फि […] -
Vasundra singh and
THE Gautam are now friends 1 week ago
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Vasundra singh and
Anil dayma are now friends 1 week ago
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Vasundra singh wrote a new post, जिंदगी 1 week ago
जिंदगी थी बस
चंद लम्हों की दास्ता
रह गयी अधूरी फिर भी
अनकही, अनसुनी -
Satish Pandey wrote a new post, हलधर धरने पर 1 week ago
हलधर धरने पर रहा, आस लगाये बैठ।
मानेगी सरकार कब, सोच रहा है बैठ।
सोच रहा है बैठ, मांग पूरी होगी कब।
अकड़ ठंड से गया, ताप सब छीन गया अब।
कहे लेखनी आज, व्यथित है कृषक भाई,
कुछ तो मानो मांग, दिखाओ मत न […]-
किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर छंदबद्ध रचना, अति उत्तम, संतुलित विचार, संतुलित रचना
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bahut Sundar kahani
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किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर रचना
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बहुत बढ़िया कविता, किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में बहुत खूब
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किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर रचना
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किसान आंदोलन पर बहुत अच्छी प्रस्तुति चाचा जी
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वाह अतुलनीय रचना, लेखनी को प्रणाम, छन्द युक्त रचना पढ़कर आनंद आ गया।
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Bahut Sundar rachna
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बहुत सुंदर रचना चाचा जी
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बहुत सुंदर रचना
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बहुत सुंदर रचना चाचा जी
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कविता बहुत अच्छी लगी
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बहुत सुंदर रचना लिखी है आपने, बहुत सुंदर समन्वय है।
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अत्युत्तम कविता, अत्युत्तम सोच
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सुंदर रचना
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बहुत सुंदर रचना।👌
आपकी लेखनी को सलाम। -
अभी के हालातों पर बहुत शानदार रचना 👏👏
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अतिसुंदर भाव अतिसुंदर रचना
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बिल्कुल नपी तुली बातें और बहुत ही संतुलित रचना।
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बहुत सुंदर रचना
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किसान आंदोलन के दृष्टिगत बेहतरीन रचना
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बहुत खूब
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किसान आंदोलन पर बहुत ही सुन्दर और यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई छंद बद्ध रचना है। किसान आंदोलन का सम्पूर्ण आंखों देखा हाल व्यक्त करती हुई बेहतरीन रचना अति उत्तम लेखन
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क्या खूब कहा है
अतिउत्तम -
वाह अति सुंदर रचना लेखनी को सलाम👌👌
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कविता उच्च स्तरीय है बढ़िया और शानदार है। आपकी कविता में वास्तविकता है
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रोटी देता है किसान, सेकूँ रोटी आज,
आंदोलन को चोंच दूँ, सोच रहा है बाज। …. किसान आंदोलन में सब किसान हैं यह जरूरी नहीं है, कुछ राजनीति करने वाले भी बैठे हैं। आपने अपनी कविता में इसका भी जिक्र करके कविता की गुणवत्ता में वृद्धि की है। बहुत उम्दा रचना -
चित्र को सजीव करती हुई किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर छंद बद्ध काव्य रचना
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किसान आंदोलन का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है सतीश जी आपने अपनी कविता में अति उत्तम रचना।
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वाह, किसान आंदोलन पर यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया है सतीश जी आपने, छंद बद्ध शैली में बहुत सुंदर कविता ,लाजवाब
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किसानों के प्रति गहरी संवेदना दर्शाती हुई आपकी यह एक उच्च स्तरीय रचना है “मांग उठाना देश में, नहीं कोई अपराध,
लोकतंत्र की रीत है, रखना अपनी बात।” वाह, छंद युक्त कविता में एक प्रोफेशनल कवि की भांति आपने किसानों के मन की बात प्रस्तुत की है। किसान आंदोलन पर यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई बहुत उत्कृष्ट रचना ,बहुत खूब -
बहुत खूब, बहुत शानदार रचना
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अत्यंत ही उत्कृष्ट
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' and
Geeta kumari are now friends 1 week ago
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, वर स्वरुप में बमबम : अनुदित रचना 1 week ago
वर स्वरुप में बमबम
मालतीमालया युक्तं सद्रत्नमुकुटोज्ज्वलम्।
सत्कण्ठाभरणं चारुवलयाङ्गदभूषितम्।।
वह्निशौचेनातुलेन त्वतिसूक्ष्मेण चारुणा।
अमूल्यवस्त्रयुग्मेन विचित्रेणातिराजितम्।।
चन्दनागरुकस्तूरीचारुकु […] -
Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, दुलहिन गिरिजा माता : अनुदित रचना 1 week ago
दुलहिन गिरिजा माता
सुचारुकबरीभारां चारुपत्रकशोभिताम्।
कस्तूरीबिन्दुभिस्सार्धं सिन्दूरबिन्दुशोभि […] -
Satish Pandey wrote a new post, सच की राह चले चलो 1 week, 2 days ago
सच की राह चले चलो, चाहे हो व्यवधान,
सच को ही सब ओर से, मिलता है सम्मान।
मिलता है सम्मान, उसे जो सच होता है,
झूठ हमेशा झूठ, बना इज्जत खोता है।
कहे लेखनी मान बात सच को अपनाओ,
झूठ दूर कर आज, खूब आनन्द मनाओ। -
Satish Pandey wrote a new post, कोमल सी दूब हो 1 week, 2 days ago
राहों में आपके
कोमल सी दूब हो,
पाने का हो जुनून मन में
उमंग खूब हो।
आ जायें जब कभी
मायूसियों के दिन
कुहरे के बीच भी
थोड़ी सी धूप हो।
मन साफ हो दिखे वो
सच में हो सच की छाया
भीतर वही भरा हो
बा […] -
Suman Kumari wrote a new post, बता तो दो 1 week, 5 days ago
बता तो दो क्यू तुम ऐसे हो,
मेरे होकर भी परायों से कमतर हो।
यक़ीनन दोष हममें, दुनियादारी की बूझ नहीं
आकलन करें कैसे, रिश्ते- नातोंकी समझ नहीं
साफ़ कहने की आदत, सुनने की हिम्मत नहीं
पर क्या स […]-
अतिसुंदर भाव
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हृदय के भावों का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करती हुई सुंदर रचना
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बता तो दो क्यू तुम ऐसे हो,
मेरे होकर भी परायों से कमतर हो।
यक़ीनन दोष हममें, दुनियादारी की बूझ नहीं
आकलन करें कैसे, रिश्ते- नातोंकी समझ नहीं
साफ़ कहने की आदत, सुनने की हिम्मत नहीं
—— वाह, कवि सुमन जी की बहुत ही उत्तम रचना है यह। टीस व संवेदना का बहुत सुंदर समन्वय है यह कविता।
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छोटी सी गुड़िया रानी पर बहुत सुंदर कविता
कवि शास्त्री जी की बेहतरीन रचना। कवि ने प्यारी गुड़िया से जुड़ी बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति की है। कविता में कोमलता है, स्नेह की व्यापकता है औऱ बहुत मधुरता है। वाह
चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।।
वश मुन्नी तू इतना कर दे।