Dhruv kumar
@dhruv
active 1 month, 4 weeks ago-
Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, उदास खिलौना : बाल कबिता 5 days ago
मेरी गुड़िया रानी आखिर
क्यों बैठी है गुमसुम होकर।
हो उदास ये पूछ रहे हैं
तेरे खिलौने कुछ कुछ रोकर।।
कुछ खाओ और मुझे खिलाओ
‘चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।। […] -
Amod Kumar Ray and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Pragya Shukla and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Rishi Kumar and
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Vasundra singh and
Rakesh Saxena are now friends 1 week, 4 days ago
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Pragya Shukla wrote a new post, “किसान आन्दोलन” 1 week, 4 days ago
जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
————- […]-
बहुत ख़ूब किसानों पर अति उत्तम रचना
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बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
सराहनीय प्रस्तुति-
बिल्कुल सही कहा है आपने
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आपका धन्यवाद
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आपका धन्यवाद
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Thank u Geeta di
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बहुत बहुत ही सुंदर रचना
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आपका धन्यवाद
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अति सुंदर रचना
फोटो पर सटीक बैठती हुई रचना
आपने शब्दों के माध्यम से मस्तिष्क में किसानों की व्यथा को खींच दिया है
शब्दों के माध्यम से फोटो का रेखांकन अति सुंदर है
जिसकी तुलना नहीं करी जा सकती है
किसान आंदोलन पर बहुत ही मार्मिक प्रस्तुतीकरण-
आपका धन्यवाद
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सराहनीय प्रज्ञा जी
ऐसे ही लिखते रहिए।-
Tq
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आपकी लेखनी हमेशा की कमाल करती है बहन प्रज्ञा जी।
आपने किसान की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है। आप यूं ही ज्वलन्त विषयों पर लिखती रहे।
सादर अभिवादन-
Thanks
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अतुलनीय काव्य रचना।
चित्र का सजीव चित्रण।
किसान बिल और उससे प्रभावित अन्नदाता का करुण वर्णन अत्यधिक प्रभावशाली चित्रण।-
Thanks bro
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बहुत सुन्दर काव्य रचना ।
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Thanks bhabhi
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आपने शब्दों के द्वारा फोटो को सजीव बना दिया है..
कविता को सार्थक बनाकर एक किसान की सूखी रोटी को देखकर मंशा को प्रकट किया है जो काबिले तारीफ है…
सच में बड़ा ही मार्मिक चित्र दिया गया है सावन द्वारा जिसके लिए सावन प्रशंसा का पात्र है..ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए जिससे कवियों की साहित्य क्षमता को और तराशा जा सकेगा…..-
आभार
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किसान आन्दोलन में सब किसान ही नही हैं प्रज्ञा जी
कुछ राजनीति की रोटियां सेंकने वाले भी हैं जिन्होंने किसानों की छवि धूमिल की.
परंतु 200 किसानों के मरने पर बीजेपी के नेता दुख प्रकट करने की बजाय कहते हैं कि इतने महीनों में इतने किसान तो मर ही जाते हैं… कोई हार्टअटैक से मरता है कोई बुखार से…यानी किसानों का मरना स्वाभाविक है शर्म आनी चाहिए ऐसी सोंच पर…
आपकी हर एक पंक्ति खूबसूरत है परंतु मुझे इसी बात पर रोना आया….“दो सौ से ज्यादा किसान भाईयों की मृत्यु हुई
हम भारत मां के लाल बचाने आए हैं”
मार्मिक भाव और सुंदर शिल्पकारिता….👌👌👌👌👌-
आपको समझ में आई
आपका धन्यवाद
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सच में सरकार कान में तेल डालकर बैठी है
किसान की समस्या सुनने को तैयार नहीं है आखिर भारत देश में किसानों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है??? क्या जरूरत थी जो किसान बिल बना ? और यदि बना भी तो जब किसान ही संतुष्ट नहीं तो किस काम का ???-
Tq
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You are a professional poet as well as a painter, that is why you understand the picture closely, then only your poet sees what is the spirit of the picture, I am convinced of your writing, I am bowing before you…
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Thanks a lot
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There is truth in your poem.
You have imprinted the picture in the brain through your poem.
I would just like to say that you are a pen magician..-
Right
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Tq
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You made the photo come alive with words ..
The poem is meaningful and adorned with beautiful artistry, you are amazing, Pragya ji …-
Tq
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मैं पहली बार सावन पर आया और देखा कि यहां हर कवि दूसरे कवि की सराहना करता है निन्दा नही करता..
आपकी कविता १००% सत्य है और हृदय को छूने वाली है
फोटो पर कविता लिखना बहुत पसंद आया मुझे..
आपकी कविता और उसकी व्याख्या तथा समीक्षा भी बहुत सुंदर है…..-
आपका धन्यवाद
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Beautiful poet and thoughtful poetry
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Thanks chachu
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Photo ke har Ang ko vyakt karti rachna
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Thanks chachu
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जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
Waah very nice poetry 👌👌👌👌
Your poetry out of the world-
Thank u my friend
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बहुत ही मार्मिक कविता ।
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आभार भाई
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आपकी कविता फोटो पर बहुत सटीक बैठती हैl किसानों का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया है
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धन्यवाद मामाजी
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आपने किसान की व्यथा पर बहुत ही सजीव वर्णन किया हैl
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धन्यवाद मामीजी
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Very nice
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Tq
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फोटो पर सटीक बैठती हुई बहुत ही मार्मिक कविता का प्रस्तुतीकरण l
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आपका धन्यवाद
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बहुत ही सुंदर काव्य रचना ।
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आपका धन्यवाद दी
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आपकी कविता और उसकी व्याख्या बहुत ही सुंदर है
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Thank u dear arihant
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मैं बहुत प्रसन्न हूं कि सावन अब कमेंट की संख्या के आधार पर नही बल्कि कविता की समग्रता और गुणवत्ता को ध्यान में रखकर विजेता चुनता है जिससे साहित्य का उत्थान होता है और कवि प्रोत्साहित हो अच्छा लिखते हैं..
मैं यही चाहूंगा कि गुणवत्ता की विजय हो वह कवि चाहे आप हों या कोई और..
सावन का यह सकारात्मक स्वरूप हमें उसमें विश्वास पैदा करता है… -
रही बात फोटो प्रतियोगिता की तो मैंने देखा कि आपकी कविता उस पर सटीक बैठती है
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Nice poetry Dii ❤️❤️
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सुन्दर प्रस्तुति
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आपने किसान आंदोलन के दर्शन करा दिए अपनी कविता के माध्यम से।
किसान आंदोलन का यथार्थ चित्रण किया है आपने,
एक गरीब किसान की मनोदशा का इससे सुंदर वर्णन हो ही नहीं सकता।
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Vasundra singh wrote a new post, अन्नदाता 1 week, 4 days ago
मैं किसान हूं
समझता हूं मैं अन्न की कीमत
क्योंकि वो मैं ही हूं
जो सींचता हूं फसल को
अपने खून और पसीने से
मरता हूं हर रोज
अपने खेत की फ़सल को जिंदा रखने के लिये
ताकि रहे न कोई भूखा
कोई इस दुनिया में
फि […] -
Vasundra singh and
THE Gautam are now friends 1 week, 4 days ago
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Vasundra singh and
Anil dayma are now friends 1 week, 4 days ago
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Vasundra singh wrote a new post, जिंदगी 1 week, 4 days ago
जिंदगी थी बस
चंद लम्हों की दास्ता
रह गयी अधूरी फिर भी
अनकही, अनसुनी -
Pt, vinay shastri 'vinaychand' and
Geeta kumari are now friends 1 week, 5 days ago
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, वर स्वरुप में बमबम : अनुदित रचना 1 week, 5 days ago
वर स्वरुप में बमबम
मालतीमालया युक्तं सद्रत्नमुकुटोज्ज्वलम्।
सत्कण्ठाभरणं चारुवलयाङ्गदभूषितम्।।
वह्निशौचेनातुलेन त्वतिसूक्ष्मेण चारुणा।
अमूल्यवस्त्रयुग्मेन विचित्रेणातिराजितम्।।
चन्दनागरुकस्तूरीचारुकु […] -
Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, दुलहिन गिरिजा माता : अनुदित रचना 1 week, 5 days ago
दुलहिन गिरिजा माता
सुचारुकबरीभारां चारुपत्रकशोभिताम्।
कस्तूरीबिन्दुभिस्सार्धं सिन्दूरबिन्दुशोभि […] -
Antariksha Saha wrote a new post, भारत वर्ष मेरा देश 2 weeks, 3 days ago
तुमने कहा की मुसलमान गलत है
हमने मान लिया
तुमने कहा लॉकडाउन मे घर वापसी कर रहे मज़दूर गलत है कोरोना संक्रमण का कारण है
हमने मान लिया
तुमने कहा किसान आतंकवादी है ख़ालिस्तानी
हमने मान लियातुमने कहा […]
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Antariksha Saha wrote a new post, Mera bharat 2 weeks, 3 days ago
जो हल जोते, फसल उगाए
उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
जो मजदुर उत्पाद बनाए
उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
भूख और लाचारी का ऐसा आलम है
अब जान सस्ती है रोटी नहीं।
जात और धर्म का ऐसा टॉनिक खिलाय […]
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Antariksha Saha and
Rakesh Saxena are now friends 2 weeks, 5 days ago
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Antariksha Saha and
अनुवाद are now friends 2 weeks, 6 days ago
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Antariksha Saha wrote a new post, सपने आज़ाद है 2 weeks, 6 days ago
बात एक शायर की करता हू
जिसे अपनों ने ठुकराया
वफ़ा की साजिस देखो
बेवफाए मोहब्बत ने
ज़िन्दगी की सबसे बड़े
सच से वाकिफ बनाया
की यह चलती जाती हैसुर्ख हवाएं बस ये एलान किए जाती है
ज़िन्दगी जिए जाती है […] -
Antariksha Saha wrote a new post, वहम 2 weeks, 6 days ago
सोचता था हक़ से मांग सकता हू तुझसे कुछ भी
देखा तोह वोह हक़ तूने कब किसी और को दे दियाजिस नाम को तबीर बना के घूमते थे
वोह हर किसी के साथ जुड़ गयागम नहीं है तेरे बेवफाई का
बस खुद के भरोसे से […] - Load More
छोटी सी गुड़िया रानी पर बहुत सुंदर कविता
बहुत बहुत शुक्रिया बहिन
कवि शास्त्री जी की बेहतरीन रचना। कवि ने प्यारी गुड़िया से जुड़ी बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति की है। कविता में कोमलता है, स्नेह की व्यापकता है औऱ बहुत मधुरता है। वाह
चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।।
वश मुन्नी तू इतना कर दे।
बहुत बहुत धन्यवाद पाण्डेयजी इतनी सुंदर समीक्षा हेतु
मासूम गुड़िया की नटखट हरकतों पर बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद प्रभु