Geeta kumari
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Sanjay Narayan Nectar wrote a new post, पाँव फिर से जी उठे हैं 3 days, 18 hours ago
जब मिलीं दो युगल आँखें
अधर पर मुस्कान धर के।
गा उठे टूटे हृदय के
भ्रमर मधुरिम तान भर के।सर झुकाकर दासता
स्वीकार की अधिपत्य ने।
गर्मजोशी जब परोसी
अतिथि को आतिथ्य ने।यूँ लगा रूखे शहर में
गाँव फिर से […] -
Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, उदास खिलौना : बाल कबिता 5 days, 12 hours ago
मेरी गुड़िया रानी आखिर
क्यों बैठी है गुमसुम होकर।
हो उदास ये पूछ रहे हैं
तेरे खिलौने कुछ कुछ रोकर।।
कुछ खाओ और मुझे खिलाओ
‘चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।। […]-
छोटी सी गुड़िया रानी पर बहुत सुंदर कविता
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बहुत बहुत शुक्रिया बहिन
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कवि शास्त्री जी की बेहतरीन रचना। कवि ने प्यारी गुड़िया से जुड़ी बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति की है। कविता में कोमलता है, स्नेह की व्यापकता है औऱ बहुत मधुरता है। वाह
चंदा मामा….’ गा-गाकर।
तुम गाओ मैं नाचूँ संग- संग
डम -डम ड्रम बजाकर ।।
वश मुन्नी तू इतना कर दे।-
बहुत बहुत धन्यवाद पाण्डेयजी इतनी सुंदर समीक्षा हेतु
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मासूम गुड़िया की नटखट हरकतों पर बहुत सुंदर रचना
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धन्यवाद प्रभु
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Shyam Kunvar Bharti wrote a new post, भोजपुरी गीत – बड़ा प्यार आवेला | 5 days, 23 hours ago
भोजपुरी गीत – बड़ा प्यार आवेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
काहे हमके त तोहरे पर बड़ा प्यार आवेला |
मिलना होई की ना हमके कुछउ ना पता |
हमार जान हऊ मत करिहा तू हमसे खता |
प्यार बा तोहरे दिल मे इ बस […]-
बहुत खूब
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हार्दिक आभार आपका पंडित जी
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अति सुन्दर रचना
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हार्दिक आभार आपका
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मुहवा तोहार टुकड़ा चान जस लगेला अंजोर |
उठेला पलक आँख तोहार सांझ लगेला भोर |
— बहुत सुंदर पंक्तियां हैं, पूरे गीत में माधुर्य बिखरा हुआ है। मुहं की चाँद के साथ जो उपमा की गई है, वह बहुत ही सुंदर रूप में खप रही है।-
वाह बहुत सुंदर समीक्षा पाण्डेय जी हार्दिक आभार आपका
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Noorie Noor posted an update in the group
हिंदी कवितायें 1 week ago
It’s lv
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Suman Kumari wrote a new post, रूपरेखा 1 week, 1 day ago
ख़ुद पर ऐतवार कर पर भूलकर भी न किसी पर
विश्वास कर।
खुद के ही बल पर अपने जीवन की रूपरेखा तराश कर।।
कब कोई अपना,अपनी अंगुली को घुमा,तोहमत तुझपे लगा देगा
तेरी हर जायज़ कोशिश को भी, तेरी ही गलती बना द […]-
जीवन की कड़वी सच्चाईयों को बयान करती हुई हृदय स्पर्शी रचना
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जिद है अपनी अपनी सबकी
कुछ को है अभिमान
कुछ आदत के गुलाम
फिर भी सब हैं सही
सब का मालिक वहीं
यही समझ कर सकी
सभी को आदर देना है
सब उसका ही खिलौना है -
नर हो न निराश करो मन को
निज को समझो न औरों को -
बहुत सुंदर
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बहुत खूब
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देखो कैसी अजब घङी यह आई है,
अपनों से ही अपनेपन की लङाई है,
न स्वार्थ है फिर भी क्यूं ये खिंचाई है
मन है सूना- सूना, पलकें मेरी पथराई हैं
—– बहुत सुंदर रचना। बहुत सुंदर भाव। मन के कोमल भावों की सहज अभिव्यक्ति
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Noorie Noor wrote a new post, वजूद 1 week, 1 day ago
लफ़्ज़ों की कमी थी आज शायद
या रूह में होने वाले एहसास की
💐💐💐💐💐💐💐💐
नही पता मुझको कहानी तेरी शायद
बस इतना जानती हूं कि वजूद को तेरे💐💐💐💐💐💐💐💐
तूझसे ज्यादा जानती हूं शायद
ख्वाबबगाह में जो बसता है वो
💐💐💐 […] -
Shyam Kunvar Bharti wrote a new post, भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया | 1 week, 2 days ago
भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया |
होली मे करेला काहे बलजोरिया
ये किसन कन्हईया |
चुनरिया रंग देला मारी पिचकरिया
ये किसन कन्हईया |
केतनो लुकाई जहवा भाग जाई |
खोजी हरदम हमके रंगवा लगाई |
मनबा न […]-
कान्हा जी के संग होली का पर्व मनाती हुई बहुत सुन्दर रचना
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हार्दिक आभार आपका गीता जी जय श्री राधे कृष्ण
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बहुत सुंदर
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हार्दिक आभार आपका
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होली का आनंद- भोजपुरी रचना के संग
वाह-
haardik abhaar apkaa
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चुनरिया रंग देला मारी पिचकरिया
ये किसन कन्हईया |
—— बहुत सुंदर पंक्तियां, बेहद मधुर भाव को समाहित करती उच्चस्तरीय कविता।-
हार्दिक आभार आपका पांडे जी जय किसन कन्हैया
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अनुवाद wrote a new post, वचन 1 week, 3 days ago
जब कभी भी टूटे ये तंद्रा तुम्हारी,
जब लगे कि हैं तुम्हारे हाथ खाली!जब न सूझे ज़िन्दगी में राह तुमको,
जब लगे कि छलते आये हो स्वयं को!जब भरोसा उठने लगे संसार से ,
जब मिलें दुत्कार हर एक द्वार […]-
अपने नयनों में प्रणय के दीप बाले,
मैं मिलूँगी तब भी तुम्हें बाहें पसारे!!
________बहुत ही कोमल भावनाओं के साथ और समर्पण का भाव लिए बहुत सुंदर कविता है सखी। उच्च स्तरीय लेखन -
बहुत खूब
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धन्यवाद सखि..क्षमा कीजियेगा कुछ दिनों से आपकी प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं दे पाई 🙏🙂
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No problem dear😊
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बहुत खूब
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Awesome poem
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अनुवाद wrote a new post, मातृभाषा 1 week, 4 days ago
दर्द बनके आँखो के किनारों से बहती है!
बनकर दुआ के फूल होंठो से झरती है!!देती है तू सुकून मुझे माँ के आँचल सा!
बनके क़भी फुहार सी दिल पे बरसती है!!खुशियाँ ज़ाहिर करने के तरीक़े हज़ार है!
मेरे दर्द की गहराई […]-
“होगी ग़ुलाम दुनिया ये पराई ज़बान की !
मेरी मातृभाषा तू मेरे दिल में धड़कती है!!”
_____मातृभाषा के बारे मे बहुत ही उत्कृष्ट रचना है सखी👌👌 -
देती है तू सुकून मुझे माँ के आँचल सा!
बनके क़भी फुहार सी दिल पे बरसती है!!
—— वाह, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। यह कविता कवि की उच्चस्तरीय क्षमता को परिलक्षित कर रही है। कविता में एक एक विरल काव्य बोध है। अदभुत लय है और अनुपम भाव है। -
सुंदर
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जाऊँ कहीं भी मैं इस दुनिया जहान में!
बन कर मेरी परछाईं मेरे साथ चलती हैं!!
बहुत खूब
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Pragya Shukla and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Rishi Kumar and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' and
Ashmita Sinha are now friends 1 week, 4 days ago
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Satish Pandey wrote a new post, काँव काँव मत करना कौवे 1 week, 4 days ago
काँव काँव मत करना कौवे
आँगन के पेड़ों में बैठ
तेरा झूठ समझता हूं मैं
सच में है भीतर तक पैठ।
खाली-मूली मुझे ठगाकर
इंतज़ार करवाता है,
आता कोई नहीं कभी तू
बस आंखें भरवाता है।
जैसे जैसे दुनिया बदली
झूठ लगा बढ़ने […] -
Satish Pandey wrote a new post, मनुष्य हो तुम 1 week, 4 days ago
मनुष्य हो तुम
मनुष्यता सदैव पास रखो
पाशविक वृत्तियों को
पास आने न दो।
दया का भाव रखो
प्रेम की चाह रखो
ठेस दूँ दूसरे को
भाव आने न दो।
दया पहचान है कि
आप में मनुष्यता है
अन्यथा फर्क क्या है
फर्क का भान र […] -
Sanjay Narayan Nectar wrote a new post, कोई नहीं महान बना है 1 week, 5 days ago
फूलों के बिस्तर पर जन्मा पला बढ़ा उल्लासों में ।
जिसको प्रचुर मिली सुविधाएं डूबा भोग विलासों में ।
है भूमिका भाग्य की लेकिन अथक परिश्रम किए बिना,
कोई नहीं महान बना है अब तक के इतिहासों में ।बड़े बड़ों के साथ […]
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अतिसुंदर भाव
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बहुत सुंदर एवम् यथार्थ परक रचना, लाजवाब अभिव्यक्ति
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फूलों के बिस्तर पर जन्मा पला बढ़ा उल्लासों में ।
जिसको प्रचुर मिली सुविधाएं डूबा भोग विलासों में ।
है भूमिका भाग्य की लेकिन अथक परिश्रम किए बिना,
कोई नहीं महान बना है अब तक के इतिहासों में ।
——– उत्तम भाव, उत्तम शिल्प, बेहतरीन अभिव्यक्ति है। आपके द्वारा लिखे गए गीत के भाव जीवन से जुड़े हुए हैं। अद्भुत
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Vasundra singh and
Rakesh Saxena are now friends 1 week, 5 days ago
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Pragya Shukla wrote a new post, “किसान आन्दोलन” 1 week, 5 days ago
जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
————- […]-
बहुत ख़ूब किसानों पर अति उत्तम रचना
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बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
सराहनीय प्रस्तुति-
बिल्कुल सही कहा है आपने
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आपका धन्यवाद
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आपका धन्यवाद
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Thank u Geeta di
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बहुत बहुत ही सुंदर रचना
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आपका धन्यवाद
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अति सुंदर रचना
फोटो पर सटीक बैठती हुई रचना
आपने शब्दों के माध्यम से मस्तिष्क में किसानों की व्यथा को खींच दिया है
शब्दों के माध्यम से फोटो का रेखांकन अति सुंदर है
जिसकी तुलना नहीं करी जा सकती है
किसान आंदोलन पर बहुत ही मार्मिक प्रस्तुतीकरण-
आपका धन्यवाद
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सराहनीय प्रज्ञा जी
ऐसे ही लिखते रहिए।-
Tq
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आपकी लेखनी हमेशा की कमाल करती है बहन प्रज्ञा जी।
आपने किसान की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है। आप यूं ही ज्वलन्त विषयों पर लिखती रहे।
सादर अभिवादन-
Thanks
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अतुलनीय काव्य रचना।
चित्र का सजीव चित्रण।
किसान बिल और उससे प्रभावित अन्नदाता का करुण वर्णन अत्यधिक प्रभावशाली चित्रण।-
Thanks bro
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बहुत सुन्दर काव्य रचना ।
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Thanks bhabhi
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आपने शब्दों के द्वारा फोटो को सजीव बना दिया है..
कविता को सार्थक बनाकर एक किसान की सूखी रोटी को देखकर मंशा को प्रकट किया है जो काबिले तारीफ है…
सच में बड़ा ही मार्मिक चित्र दिया गया है सावन द्वारा जिसके लिए सावन प्रशंसा का पात्र है..ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए जिससे कवियों की साहित्य क्षमता को और तराशा जा सकेगा…..-
आभार
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किसान आन्दोलन में सब किसान ही नही हैं प्रज्ञा जी
कुछ राजनीति की रोटियां सेंकने वाले भी हैं जिन्होंने किसानों की छवि धूमिल की.
परंतु 200 किसानों के मरने पर बीजेपी के नेता दुख प्रकट करने की बजाय कहते हैं कि इतने महीनों में इतने किसान तो मर ही जाते हैं… कोई हार्टअटैक से मरता है कोई बुखार से…यानी किसानों का मरना स्वाभाविक है शर्म आनी चाहिए ऐसी सोंच पर…
आपकी हर एक पंक्ति खूबसूरत है परंतु मुझे इसी बात पर रोना आया….“दो सौ से ज्यादा किसान भाईयों की मृत्यु हुई
हम भारत मां के लाल बचाने आए हैं”
मार्मिक भाव और सुंदर शिल्पकारिता….👌👌👌👌👌-
आपको समझ में आई
आपका धन्यवाद
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सच में सरकार कान में तेल डालकर बैठी है
किसान की समस्या सुनने को तैयार नहीं है आखिर भारत देश में किसानों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है??? क्या जरूरत थी जो किसान बिल बना ? और यदि बना भी तो जब किसान ही संतुष्ट नहीं तो किस काम का ???-
Tq
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You are a professional poet as well as a painter, that is why you understand the picture closely, then only your poet sees what is the spirit of the picture, I am convinced of your writing, I am bowing before you…
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Thanks a lot
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There is truth in your poem.
You have imprinted the picture in the brain through your poem.
I would just like to say that you are a pen magician..-
Right
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Tq
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You made the photo come alive with words ..
The poem is meaningful and adorned with beautiful artistry, you are amazing, Pragya ji …-
Tq
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मैं पहली बार सावन पर आया और देखा कि यहां हर कवि दूसरे कवि की सराहना करता है निन्दा नही करता..
आपकी कविता १००% सत्य है और हृदय को छूने वाली है
फोटो पर कविता लिखना बहुत पसंद आया मुझे..
आपकी कविता और उसकी व्याख्या तथा समीक्षा भी बहुत सुंदर है…..-
आपका धन्यवाद
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Beautiful poet and thoughtful poetry
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Thanks chachu
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Photo ke har Ang ko vyakt karti rachna
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Thanks chachu
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जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
Waah very nice poetry 👌👌👌👌
Your poetry out of the world-
Thank u my friend
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बहुत ही मार्मिक कविता ।
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आभार भाई
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आपकी कविता फोटो पर बहुत सटीक बैठती हैl किसानों का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया है
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धन्यवाद मामाजी
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आपने किसान की व्यथा पर बहुत ही सजीव वर्णन किया हैl
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धन्यवाद मामीजी
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Very nice
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Tq
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फोटो पर सटीक बैठती हुई बहुत ही मार्मिक कविता का प्रस्तुतीकरण l
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आपका धन्यवाद
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बहुत ही सुंदर काव्य रचना ।
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आपका धन्यवाद दी
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आपकी कविता और उसकी व्याख्या बहुत ही सुंदर है
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Thank u dear arihant
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मैं बहुत प्रसन्न हूं कि सावन अब कमेंट की संख्या के आधार पर नही बल्कि कविता की समग्रता और गुणवत्ता को ध्यान में रखकर विजेता चुनता है जिससे साहित्य का उत्थान होता है और कवि प्रोत्साहित हो अच्छा लिखते हैं..
मैं यही चाहूंगा कि गुणवत्ता की विजय हो वह कवि चाहे आप हों या कोई और..
सावन का यह सकारात्मक स्वरूप हमें उसमें विश्वास पैदा करता है… -
रही बात फोटो प्रतियोगिता की तो मैंने देखा कि आपकी कविता उस पर सटीक बैठती है
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Nice poetry Dii ❤️❤️
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सुन्दर प्रस्तुति
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आपने किसान आंदोलन के दर्शन करा दिए अपनी कविता के माध्यम से।
किसान आंदोलन का यथार्थ चित्रण किया है आपने,
एक गरीब किसान की मनोदशा का इससे सुंदर वर्णन हो ही नहीं सकता।
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Vasundra singh wrote a new post, अन्नदाता 1 week, 5 days ago
मैं किसान हूं
समझता हूं मैं अन्न की कीमत
क्योंकि वो मैं ही हूं
जो सींचता हूं फसल को
अपने खून और पसीने से
मरता हूं हर रोज
अपने खेत की फ़सल को जिंदा रखने के लिये
ताकि रहे न कोई भूखा
कोई इस दुनिया में
फि […] -
Vasundra singh and
THE Gautam are now friends 1 week, 5 days ago
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Vasundra singh and
Anil dayma are now friends 1 week, 5 days ago
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सुंदर 👌
बहुत सुंदर रचना
राकेश जी
गीता जी
आपका बहुत बहुत आभार
बहुत खूब