. ं. किसान

February 9, 2021 in Poetry on Picture Contest

देखो देखो किसान है देश की रीड की हड्डी इनको ना तोड़ो तुम इन को मजबूत बनाओ तो देश मजबूत होगा
इनको ना राजनीति की आग में मत झोंको किसान तो देश की अर्थव्यवस्था का मूल मंत्र है इनको जला दोगे देश का क्या होगा देखो देखो किसान है देश की रीढ़ की हड्डी….
आजादी आंदोलन में जैसे एकजुट हुए थे वैसे किसान आंदोलन में एकजुट हो जाओ आपस का स्वार्थ जला दो.
यहां सिर्फ किसान की बात नहीं है यहां पूरे देश की बात हैं देश की अर्थव्यवस्था की बात है अब तो जागो देशवासियों