M K Yadav
-
Satish Pandey wrote a new post, भले ही सो रहा हूँ मैं 2 hours, 36 minutes ago
भले ही सो रहा हूँ मैं
थका-माँदा यहाँ
फुटपाथ में
मगर चलती सड़क है
रुकती है बमुश्किल
एकाध घंटा रात में।
उसी में नींद लेता हूँ
उसी में स्वप्न आते हैं,
कभी जब राहगीरों के
बदन पर पैर प […] -
Satish Pandey wrote a new post, तैर ले बाढ़ है दुखों की अगर 3 hours, 19 minutes ago
छोड़ दे छोड़ दे उदासी को
कोई फायदा नहीं है चिंता से
गम में मत रह बढ़ा न दर्द ए दिल
कोई फायदा नहीं है चिंता से।
दुःख तो होता है कुछ भी खोने से
न कोई लौटता है रोने से
कुछ नया सोच दूर पीड़ा कर
ख्वाब ला मन में त […] -
Geeta kumari wrote a new post, यह कोरोना है देशवासियों.. 10 hours, 4 minutes ago
कोरोना का कहर हुआ,
गली-गली हर शहर हुआ।
आ गई है दूजी लहर,
कोरोना ने कितना बीमार किया।
दर्द दिया लाचारी दी,
बहुत बड़ी बीमारी दी
परेशान बहुत किया इसने,
कितनी बड़ी महामारी दी।
फ़िर भी, किसी […] -
Geeta kumari wrote a new post, चन्दा की नगरी में.. 22 hours, 22 minutes ago
चन्दा की नगरी में ले चल प्रीतम,
चुनरी में सितारे जड़वाऊॅंगी।
चाॅंद की रौशनी में,
तुम्हारे संग जश्न मनाऊंगी।
दो-चार सितारे अलग से लूॅंगी,
तुम्हारे कुर्ते में लगवाऊॅंगी।
दोनों घूमेंगे चमचम करते,
पायल की […] -
Pragya Shukla wrote a new post, बेवफा तो यूँ ही बदनाम हैं 1 day ago
वफा तो वही करेगा
वफा करना जिसका काम हैं,
अक्सर वफादार है बेवफाई करते हैं
बेवफा तो यूं ही बदनाम हैं।। -
Pragya Shukla wrote a new post, आंखों की पुतलियों में तू… 1 day ago
कई साल गुजर गए पर
आज भी महसूस होता है
जब भी तू इन गलियों से गुजरता है
तेरा आना जाना लगा रहता है
दिल की गलियों में
आंखों की पुतलियों में तू घूमता रहता है
इश्क करना है तो इश्क कर ले
मिटा देना है तो मुझे दिल […] -
Geeta kumari wrote a new post, मेघा आए रे 1 day, 2 hours ago
मेघा आए रे आए रे,
ऐसी पड़ी फुहार।
भीगी मेरी कॅंचुकी,चुनरिया
नीर गिरे भरमार।
श्याम वर्ण के मेघा बरसे,
खूब गिरी जल-धार।
इतनी तो होली पर भी ना भीगी,
जितनी भीगी बारिश में इस […] -
Geeta kumari wrote a new post, मजदूर 1 day, 2 hours ago
कर के आया था मजदूरी,
था थकन से चूर।
रूखा-सूखा खा कर सो गया,
वह बूढ़ा मजदूर।
ओढ़ी एक फटी थी चद्दर,
उसके सूराख़ों से घुस गए मच्छर।
हाथ पैर पटकता था,
मच्छर भगाने को।
एक पॅंखा भी नहीं था,
उसके […] -
Satish Pandey wrote a new post, वहाँ भगवान है मेरा 1 day, 8 hours ago
ईश्वर का पता कहाँ है
मन ढूंढता रहा है,
कोई कहे यहाँ है
कोई कहे वहाँ है।
मगर जब गौर से देखा
मुझे ईश्वर दिखा उसमें
कि था जब भूख से व्याकुल
खिलाई रोटियाँ जिसने।
गिर पडूँ तो सहारा दे
वही है देवता मेरा
जरू […]-
दिखा दे नेकियों का पथ
प्रेरणा दे मुझे सत की
मुझे उत्साह दे दे जो
वही भगवान है मेरा।
जहाँ नफरत न हो बिल्कुल
मुहब्बत का रहे डेरा,
_________ संपूर्ण कविता में एक सच्चाई और यथार्थ के दर्शन हो रहे हैं। जीवन के प्रत्येक दृष्टिकोण को अपने में समाहित करती हुई कवि सतीश जी की, बहुत ही श्रेष्ठ रचना, उच्च स्तरीय लेखन -
बहुत ही उत्तम लेखनी
-
-
Satish Pandey wrote a new post, नया स्वर फूँकना है 1 day, 10 hours ago
रोशनी कर दो ना
जला दो बल्ब सारे,
देखने हैं मुझे
दिवस में चाँद तारे।
अंधेरे से बहुत
उकता गया हूँ,
मन भरी पीड़ को
लिखता गया हूँ।
अब मुझे जूझना है,
नया स्वर फूँकना है,
बुलंदी है जगानी
नहीं अब टू […] -
Satish Pandey wrote a new post, हर अवसर भुनाना होगा 1 day, 12 hours ago
हर अवसर भुनाना होगा
मौका मिलेगा तुझे भी
एक दिन मुश्किल से
उसे बस कस कर लपकना होगा।
हो अगर कंटक युक्त झाड़ी तो
बीच में फूल बनकर
महक के साथ महकना होगा।
उदासी फेंक कर
कुछ दूर अपने से तुझे,
जिगर […] -
Pragya Shukla wrote a new post, संविधान निर्माता डॉक्टर:- भीमराव अंबेडकर 1 day, 21 hours ago
संविधान निर्माता
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
को है शत शत नमन
जिन्होंने बढ़ाई देश की शान
हम करते हैं उनका वंदन
संविधान निर्माण किया और
पालन करना सीख लाया
भीमराव अंबेडकर ने
संविधान का निर्माण कराया।। -
Satish Pandey wrote a new post, पापा 1 day, 21 hours ago
तब आप कितने
सुन्दर थे पापा
देख पुरानी फोटो,
देखता रह गया मैं।
फौजी वर्दी
चमकता चेहरा,
फौलादी बाजू,
सीधे लंबे से,
जाने कब की है
यह फ़ोटो,
मुझे याद है
आपकी कर्मठता की
ठंडी चोटियों में
देश सेवा करते […]-
बहुत ही ममतामयी रचना, वाह
-
ठंडी चोटियों में
देश सेवा करते करते
दो वर्ष तक घर
न आ पाने की
मगर मनी आर्डर के
ठीक समय पर आने की।
____________ संपूर्ण कविता बहुत ही भावुक कर देने वाली है, पिता के प्रति प्रेम भाव प्रदर्शित करते हुए, और उनकी पहचान एक कर्मठ फौजी और एक जिम्मेदार पिता के रूप बताते हुए, आपकी बहुत ही श्रेष्ठ और उच्च स्तरीय रचना -
बहुत ही भावुक रचना
-
-
Satish Pandey wrote a new post, धन का राज है 1 day, 22 hours ago
धन है धन्य
धन का राज है
सबके दिलों में।
बिना धन जिन्दगी का
पथ कठिन।
न हो धन पास जिसके
दूरियां रखते हैं उससे,
ठुंसा हो जेब में जिसके
खूब धन,
भले वह एक धेला भी न दे,
मगर उससे सभी
रखते हैं अपनापन […]-
धन्य है धन
राज धन का है।
करूँ अर्जित इसे
इस बात पर ही ध्यान सबका है।
__________ मानव स्वभाव के बारे में यथार्थ चित्रण दर्शाती हुई कवि सतीश जी की उम्दा रचना। किंतु अधिक धन अर्जित करने के दुष्परिणाम की ओर भी एक दृष्टि डालते हुए अति उत्तम लेखन।व्यंग्य और सच्चाई का अद्भुत समन्वय, उच्च स्तरीय प्रस्तुतिकरण -
बहुत सच्ची व सुंदर रचना
-
बहुत उम्दा कविता
-
-
Geeta kumari wrote a new post, जब-जब भी याद बचपन को करती हूँ 2 days, 10 hours ago
जन्म लेकर जब आए,
इस दुनियाँ में हम पहली बार।
जो भी दृश्य देखा,
चकित हृदय हमारा था।
बारिश की पहली बूॅंदों ने भी,
चकित इतना कर डाला
पानी ,पानी कहकर हमने,
वो दृश्य सबको दिखा डाला।
पहली बार जब देखे […]-
अति सुंदर
-
धन्यवाद ऋषि जी
-
-
आज जब-जब भी याद बचपन को करती हूँ,
माँ-पापा की सूरत ही सामने आती रहती।
—– बहुत ही सुन्दर और उच्चस्तरीय रचना।-
उत्साह वर्धन करने वाली और प्रेरक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी, अभिवादन सर
-
-
बहुत सुंदर रचना
-
आभार पीयूष जी
-
-
अतिसुंदर भाव
-
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी
-
-
बहुत खूब
-
बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रा जी, सादर आभार
-
-
-
Satish Pandey wrote a new post, ख्वाब में वो ख्वाब क्यों (विषम छन्द का एक रूप) 2 days, 11 hours ago
उपवन में फूल खिले, महक आई
सुबह सुबह की मारुत, उड़ा लाई।
याद आया वह मुझे, नलिनी फूल,
या नासिका से जुड़ी, यह है भूल।
देख अनदेखा किया, जाते रहे
ख्वाब में वो ख्वाब क्यों, आते रहे।
हम विदाई गीत यू […] -
Geeta kumari wrote a new post, पापा की वह परी है 2 days, 13 hours ago
छोटी सी प्यारी गुड़िया रानी,
पापा की राजकुमारी है ।
पापा की गोदी में खेले,
पापा को सबसे प्यारी है।
अपनी बातों से मन मोह ले,
पापा भी हॅंसकर यूँ बोलें
फूलों जैसी है कोमल सी,
वाणी है मीठी कोयल सी।
उ […] -
Pragya Shukla wrote a new post, सत्यमार्ग पर चलना होगा 2 days, 21 hours ago
गोरी-चिट्टी, काली चमड़ी
को रगड़ रगड़ क्यों धोता है।यह सब कुछ है नश्वर है
जग में कर्मों का लेखा-जोखा होता है।कौन है गोरा कौन है काला
यह ना रखता कोई याद,अच्छे व्यवहार को ही हर कोई
रखता है याद […] -
Satish Pandey wrote a new post, कुछ नया भाव होगा 2 days, 21 hours ago
आँख में देखना
कुछ नया भाव होगा,
धड़कते दिल में
कोई घाव होगा।
वो पुराना हो
या नया हो
मगर रख हौसले से
भरना होगा,
मुकाबला
समस्याओं से
डटकर करना होगा।
कुछ नए परिवर्तन को
एक प्रयास तुझे
करना होगा। […] -
Pragya Shukla wrote a new post, आया है नव वर्ष सभी को खूब बधाई। हो गए हम तो कृतार्थ घर नवदुर्गा।। 2 days, 22 hours ago
आया है नव वर्ष
सभी को खूब बधाई
हो गए हम तो कृतार्थ
घर नवदुर्गा आई
घर नवदुर्गा आईं ,
लेकर छोटा रूप
धूप, दीप, नैवेद्य और
लेकर थोड़ी धूप
मैया का वंदन किया
मिला है मन को सुख
मिला है मन को सुख […] - Load More
मगर असहाय हूँ
घर से निकाला हूँ
कमजोर हूँ मैं वृद्ध हूँ
अब तो दिवाला हूँ।
__________ असहाय वृद्ध व्यक्ति का बहुत ही मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करते हुए कवि सतीश जी की बेहद संजीदा रचना, लाजवाब अभिव्यक्ति, उम्दा लेखन
बहुत गंभीर रचना