Maharshi pathak
तुम्हारे पास हमारे पास
December 29, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम्हारे साथ
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जिस्म अभी है ज़िंदा
पर ये रूह तुम्हारे साथ है,
करने चले थे इश्क़
पर अब अश्क़ हमारे साथ है,
क्या कहे उस इश्क़ का
अंजाम कुछ ऐसा मिला,
हर ख़ुशी तुम्हारे साथ और
हर गम हमारे साथ है.
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हमारी सभी है काली और
तुम्हारी सुनहरी रात है,
तेरे समझ न आएगा ये
अशिक़ो की बात है,
मेरा दिल अभी टूटा नही
महफूज़ तेरे पास है,
तेरी लब पे हरपल गूँजती
मेरी ग़ज़ल तुम्हारे साथ है।
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मेरी ज़िन्दगी की हर दुआ
मन्नत तुम्हारे साथ है,
मेरी हस्ती हुई नीलाम और
अज़मत तुम्हारे पास है,
मेरी आशिक़ी अनमोल है
मेरी मौत से ये जान लो,
हुई जो रब से बात समझो
कल जन्नत तुम्हारे पास है।
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@Maharshi pathak