तू कुछ कर गुजर..बस कुछ कर गुजर.

December 23, 2020 in ग़ज़ल

हर अंधेरे को एक सवेरा मिलता है
हर कांटो के ताज पर फुल खिलता है।
फिक्र क्यूं करना समस्याओ की हे मनूष्य?
हर काले बादल को एक रोशनी का किनारा मिलता है।

संघर्ष किए बिना जीत नही मिलती है।
हर तूफान मे भी एक नयी कली खिलती है।
बीज बोना हमारा तो बस एक काम है।
हर अंधेरी रात को भी भोर की जमी मिलती है।

अाकाश की गहराई की परवाह मत कर
हर परिस्थिती मे तू जवाब खोजता चल।
फिक्र ना कर शोर मचाने वलो की
तू कुछ कर गुजर..बस कुछ कर गुजर..।

ये फिजा यू नही है इतनी भी बेखबर
बस तू अपनी मंजील की तलाश कर..।
हर समस्या के पहाड पर तू देता जा ठोकर
बस तू कर गूजर..कूछ कर गुजर…।

डॉ रमेश सिंह पल के बारे में अधिक जानने के लिए उनकी पर्सनल वेबसाइट पर जाये

http://apanaswaroop.com

रमेश पाल आने वाले है

December 18, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मुह्हबत में तुम्हे आशु बहाना तक नहीं आया
बनारस में रहे और पान खाना तक नहीं आया
ये कैसे राश्ते से लेकर चले आये तुम मुझको
कहा का मयकदा एक चाय खाना तक नहीं आया

तेरे सीने में दम है दिल नहीं है
तेरा दम गर्मी ए महफ़िल नहीं है
निकल जा अक्ल के आगे की ये नूर
की ये चरागे राह है मंजिल नहीं है

अब चराग बज्म के सब जगमगाने वाले है
क्यों की अदब से बैठ जाईये रमेश पाल आने वाले है

डॉ रमेश सिंह पाल वैज्ञानिक, लेखक, आध्यात्मिक विचारक

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