मौसम बदल रहा, लगता है बारिश आने वाली है

May 23, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

क्यूँ तूफान स उठ रहा मन में
लगता है सपनों की सिफारिश आने वाली है,
कि मौसम बदल रहा
लगता है बारिश आने वाली है।
यूँ आसमाँ तू बेताब है
लगता तुझमे हौसलों का सैलाब है
क्या राज छिपा इन बूँदों में
हर बूंद एक सपने का तालाब है ।
क्या जादू है तेरी इस गरज में
जो याद दिलाता है मुझे हर वज़ूद मेरा
कि सोचती हूँ तुझमें ही खो जाऊँ
उन ख्वाबों को लेकर बूंदों के बिस्तर में सो जाऊँ।
कुछ लम्हें याद आते हैं
तो कुछ पल जो जल्द लम्हे बनने वाले हैं,
तेरे धड़कन में अद्भुत स सुकून है
तेरी छोटी बूँदों में समंदर सा जुनून है।
तू याद दिलाता है, कि भूलना भी जरूरी है
और तुझ से ही सीखा, कि कुछ बातें बहुत खास होती हैं,
ऐ आसमा तुझे देख हों जाती हैं अक्सर मेरी आँखें नम
पर हर आसू में छिपी जीने की एक आस होती है।