by Saurbh

नया भारत

August 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

🇨🇮 नया भारत 🇨🇮

कितने वीरो का बलिदान हुआ ।
तब नए भारत का निर्माण हुआ ।

मौसम बदला रुख भी बदली।
तब जाकर हम दिलसाद हुऐ ।
हिन्दू मुस्लिम सब एक हुए
तब जाकर हम आजाद हुए

तिरंगे का चोला पहनकर जब ।
शहीद घर के आंगन में आया ।
आँसुओ की नदिया वह गई।
अपनो का मन घबराया ।

जाने कितने परिवार विखर गये ।
कितनी मॉ के बेटे बिछड़ गये।
न जाने कितने अनाथ हुऐ।
और कितनो के सुहाग उजड़ गये।

ये अंत नहीं उस शहादत का ।
एक नये जीवन का जन्म हुआ ।
उस बलिदानी की मिट्टी से।
नये भारत का आगाज हुआ।

बस एक अध्याय खत्म हुआ।
ओर दूजे का आरम्भ हुआ।
आजाद-ए ज्शन मनाएगे।
नए भारत का निर्माण हुआ ।

✍️✍️ पूजा चढ़ार

by Saurbh

नया भारत

August 14, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

🇨🇮 नया भारत 🇨🇮

कितने वीरो का बलिदान हुआ ।
तब नए भारत का निर्माण हुआ ।

मौसम बदला रुख भी बदली।
तब जाकर हम दिलसाद हुऐ ।
हिन्दू मुस्लिम सब एक हुए
तब जाकर हम आजाद हुए

तिरंगे का चोला पहनकर जब ।
शहीद घर के आंगन में आया ।
आँसुओ की नदिया वह गई।
अपनो का मन घबराया ।

जाने कितने परिवार विखर गये ।
कितनी मॉ के बेटे बिछड़ गये।
न जाने कितने अनाथ हुऐ।
और कितनो के सुहाग उजड़ गये।

ये अंत नहीं उस शहादत का ।
एक नये जीवन का जन्म हुआ ।
उस बलिदानी की मिट्टी से।
नये भारत का आगाज हुआ।

बस एक अध्याय खत्म हुआ।
ओर दूजे का आरम्भ हुआ।
आजाद-ए ज्शन मनाएगे।
नए भारत का निर्माण हुआ ।

✍️✍️ पूजा चढ़ार

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