Virendra sen
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Virendra sen wrote a new post, सोच 2 months, 1 week ago
चाहोगे जीतना तभी जीत पाओगे
मानोगे अपने हैं तभी अपनाओगे
लोभ और ईर्ष्या के दलदल से
जब तक निकलने की सोच ना होगी
मन के रावण को तुम कैसे जला पाओगे।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज -
Virendra sen commented on the post, माटी की मूरत 2 months, 1 week ago
आभार आपका
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Virendra sen posted a new activity comment 2 months, 1 week ago
रचना मे रचनाकार ने प्रकति का खूबसूरत चित्रण किया है।
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Virendra sen commented on the post, भाव जगते नहीं क्यों मदद के 2 months, 1 week ago
धरती पर रहने वाले अमीरों और गरीबों के भाव प्रदर्शित करती रचना। बहुत खूब लिखा है आपने पांडेय जी।
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Virendra sen commented on the post, *बीते पल* 2 months, 1 week ago
बहुत खूब
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Virendra sen commented on the post, *मंज़िल की ओर* 2 months, 1 week ago
वर्षो की कठिन मेहनत के बाद मिलने वाले फल के उत्साह में डूबी खूबसूरत अभिव्यक्ति
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Virendra sen commented on the post, माटी की मूरत 2 months, 1 week ago
धन्यवाद
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Virendra sen commented on the post, माटी की मूरत 2 months, 1 week ago
आभार
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Virendra sen posted a new activity comment 2 months, 1 week ago
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
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Virendra sen commented on the post, भाव जगते नहीं क्यों मदद के 2 months, 1 week ago
बहुत सारगर्भित अभिव्यक्ति
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Virendra sen wrote a new post, माटी की मूरत 2 months, 1 week ago
माटी की मूरत होते हैं बच्चे
जैसा बनाओगे वैसे बन जाएंगे
चाहो तो उनको गांधी बना दो
जो सत्य की राह का पथिक बनेगा
चाहो तो उसको भगत सिंह बुलाओ
वो देश की खातिर मर मर मिटेगा
चाहो तो उसको ध्रुव नाम दो
चमक […] -
Virendra sen wrote a new post, उम्मीद 2 months, 1 week ago
यह जो नाजुक सा दौर है
आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो जाएगा
बस उम्मीदों का दीपक तुम
यूं ही आगे भी जलाए रखना।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज -
Virendra sen wrote a new post, इम्तहान 2 months, 1 week ago
भोग विलास के लिबास पहनकर
कब तक खुद से प्यार करोगे
काम क्रोध ईर्ष्या को त्यागो
जीवन का भव पार करोगे
माया मोह के इम्तहान में
जब तक सफल ना होगे तुम
लोगों के दिल में बस न सकोगे
खुद की नजर से रहोग […] -
Virendra sen commented on the post, रोटी का होना जरूरी है पहले 2 months, 1 week ago
बहुत-बहुत धन्यवाद
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Virendra sen commented on the post, कविता : मोहब्बत 2 months, 1 week ago
अति सुन्दर
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Virendra sen wrote a new post, खता 2 months, 1 week ago
लम्हों ने खता की है
सजा हमको मिल रही है
ये मौसम की बेरुखी है
खिजां हमको मिल रही है
सोचा था लौटकर फिर ना
आएंगे तेरे दर पर
बैठे हैं तेरी महफिल में
खुद से ही हार कर
कह लेते हाले दिल
क्यों ये ज […] -
Virendra sen commented on the post, बहाता हूँ सरिता 2 months, 1 week ago
सुंदर भाव
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Virendra sen commented on the post, ऐसे न गीत गाओ 2 months, 1 week ago
सुंदर अभिव्यक्ति
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Virendra sen commented on the post, पर्यावरण 2 months, 1 week ago
धन्यवाद पांडेय जी
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Virendra sen commented on the post, पर्यावरण 2 months, 1 week ago
आभार
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बहुत खूब
धन्यवाद
बहुत ख़ूब
बहुत खूबसूरत पंक्तियां एवं भाव
बहुत ही सुंदर