Virendra sen
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Pragya Shukla and
Ashmita Sinha are now friends 6 days, 2 hours ago
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Rishi Kumar and
Ashmita Sinha are now friends 6 days, 2 hours ago
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Pragya Shukla wrote a new post, “किसान आन्दोलन” 6 days, 21 hours ago
जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
————- […]-
बहुत ख़ूब किसानों पर अति उत्तम रचना
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बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
सराहनीय प्रस्तुति-
बिल्कुल सही कहा है आपने
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आपका धन्यवाद
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आपका धन्यवाद
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Thank u Geeta di
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बहुत बहुत ही सुंदर रचना
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आपका धन्यवाद
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अति सुंदर रचना
फोटो पर सटीक बैठती हुई रचना
आपने शब्दों के माध्यम से मस्तिष्क में किसानों की व्यथा को खींच दिया है
शब्दों के माध्यम से फोटो का रेखांकन अति सुंदर है
जिसकी तुलना नहीं करी जा सकती है
किसान आंदोलन पर बहुत ही मार्मिक प्रस्तुतीकरण-
आपका धन्यवाद
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सराहनीय प्रज्ञा जी
ऐसे ही लिखते रहिए।-
Tq
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आपकी लेखनी हमेशा की कमाल करती है बहन प्रज्ञा जी।
आपने किसान की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है। आप यूं ही ज्वलन्त विषयों पर लिखती रहे।
सादर अभिवादन-
Thanks
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अतुलनीय काव्य रचना।
चित्र का सजीव चित्रण।
किसान बिल और उससे प्रभावित अन्नदाता का करुण वर्णन अत्यधिक प्रभावशाली चित्रण।-
Thanks bro
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बहुत सुन्दर काव्य रचना ।
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Thanks bhabhi
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आपने शब्दों के द्वारा फोटो को सजीव बना दिया है..
कविता को सार्थक बनाकर एक किसान की सूखी रोटी को देखकर मंशा को प्रकट किया है जो काबिले तारीफ है…
सच में बड़ा ही मार्मिक चित्र दिया गया है सावन द्वारा जिसके लिए सावन प्रशंसा का पात्र है..ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए जिससे कवियों की साहित्य क्षमता को और तराशा जा सकेगा…..-
आभार
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किसान आन्दोलन में सब किसान ही नही हैं प्रज्ञा जी
कुछ राजनीति की रोटियां सेंकने वाले भी हैं जिन्होंने किसानों की छवि धूमिल की.
परंतु 200 किसानों के मरने पर बीजेपी के नेता दुख प्रकट करने की बजाय कहते हैं कि इतने महीनों में इतने किसान तो मर ही जाते हैं… कोई हार्टअटैक से मरता है कोई बुखार से…यानी किसानों का मरना स्वाभाविक है शर्म आनी चाहिए ऐसी सोंच पर…
आपकी हर एक पंक्ति खूबसूरत है परंतु मुझे इसी बात पर रोना आया….“दो सौ से ज्यादा किसान भाईयों की मृत्यु हुई
हम भारत मां के लाल बचाने आए हैं”
मार्मिक भाव और सुंदर शिल्पकारिता….👌👌👌👌👌-
आपको समझ में आई
आपका धन्यवाद
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सच में सरकार कान में तेल डालकर बैठी है
किसान की समस्या सुनने को तैयार नहीं है आखिर भारत देश में किसानों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है??? क्या जरूरत थी जो किसान बिल बना ? और यदि बना भी तो जब किसान ही संतुष्ट नहीं तो किस काम का ???-
Tq
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You are a professional poet as well as a painter, that is why you understand the picture closely, then only your poet sees what is the spirit of the picture, I am convinced of your writing, I am bowing before you…
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Thanks a lot
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There is truth in your poem.
You have imprinted the picture in the brain through your poem.
I would just like to say that you are a pen magician..-
Right
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Tq
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You made the photo come alive with words ..
The poem is meaningful and adorned with beautiful artistry, you are amazing, Pragya ji …-
Tq
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मैं पहली बार सावन पर आया और देखा कि यहां हर कवि दूसरे कवि की सराहना करता है निन्दा नही करता..
आपकी कविता १००% सत्य है और हृदय को छूने वाली है
फोटो पर कविता लिखना बहुत पसंद आया मुझे..
आपकी कविता और उसकी व्याख्या तथा समीक्षा भी बहुत सुंदर है…..-
आपका धन्यवाद
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Beautiful poet and thoughtful poetry
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Thanks chachu
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Photo ke har Ang ko vyakt karti rachna
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Thanks chachu
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जो बादल सदैव ही निर्मल
वर्षा करते थे
निज तपकर अग्नि में
तुमको ठण्डक देते थे
वह आज गरजकर
तुम्हें जगाने आये हैं
ओ राजनीति के काले चेहरों !
ध्यान धरो,
हम ‘हल की ताकत’
तुम्हें दिखाने आये हैं…
Waah very nice poetry 👌👌👌👌
Your poetry out of the world-
Thank u my friend
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बहुत ही मार्मिक कविता ।
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आभार भाई
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आपकी कविता फोटो पर बहुत सटीक बैठती हैl किसानों का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया है
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धन्यवाद मामाजी
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आपने किसान की व्यथा पर बहुत ही सजीव वर्णन किया हैl
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धन्यवाद मामीजी
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Very nice
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Tq
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फोटो पर सटीक बैठती हुई बहुत ही मार्मिक कविता का प्रस्तुतीकरण l
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आपका धन्यवाद
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बहुत ही सुंदर काव्य रचना ।
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आपका धन्यवाद दी
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आपकी कविता और उसकी व्याख्या बहुत ही सुंदर है
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Thank u dear arihant
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मैं बहुत प्रसन्न हूं कि सावन अब कमेंट की संख्या के आधार पर नही बल्कि कविता की समग्रता और गुणवत्ता को ध्यान में रखकर विजेता चुनता है जिससे साहित्य का उत्थान होता है और कवि प्रोत्साहित हो अच्छा लिखते हैं..
मैं यही चाहूंगा कि गुणवत्ता की विजय हो वह कवि चाहे आप हों या कोई और..
सावन का यह सकारात्मक स्वरूप हमें उसमें विश्वास पैदा करता है… -
रही बात फोटो प्रतियोगिता की तो मैंने देखा कि आपकी कविता उस पर सटीक बैठती है
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Nice poetry Dii ❤️❤️
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सुन्दर प्रस्तुति
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आपने किसान आंदोलन के दर्शन करा दिए अपनी कविता के माध्यम से।
किसान आंदोलन का यथार्थ चित्रण किया है आपने,
एक गरीब किसान की मनोदशा का इससे सुंदर वर्णन हो ही नहीं सकता।
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Rishi Kumar and
SACHIN SANSANWAL are now friends 2 weeks, 6 days ago
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Pragya Shukla wrote a new post, प्रेम का संदेश 3 weeks, 2 days ago
छोंड़ दी थी जो गलियां
हमने कभी,
आज सजकर फिर उन्हीं में जाना है
संदेश भेजा है उन्होंने प्रेम का,
जिनको हमने रब से ज्यादा माना है… -
Pragya Shukla wrote a new post, “इश्क की चादर” 3 weeks, 4 days ago
💜Valentine special💜
कुछ गुलाबों के पंख
बिखरा के गये थे यहाँ,
लौटकर आए तो
उन्हें सिमटा हुआ पाए…
दे रही हैं गवाही
खामोंशियां ये रातों की,
ओढ़ के वो इश्क की थी चादर यहाँ आए….!! -
Rishi Kumar and
Ajay Amitabh Suman are now friends 3 weeks, 6 days ago
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Rishi Kumar wrote a new post, पर्यावरण क्या है 4 weeks, 1 day ago
कविता-पर्यावरण है क्या
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सभी सुनो,
पर्यावरण है क्या,
क्या इसकी परिभाषा है,
प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से,
जीव जंतु मानव –
जिससे प्रभावित हो,
उसी को कहते पर् […] -
Rishi Kumar wrote a new post, चार आने की संपत्ति को 1 month ago
कविता-चारआने की संपत्ति को
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चार आने की संपत्ति को
रुपये में खरीदा था
खरीदा उस वक्त मैंने
जब बाजार में भाव गिरा था,
मैं बाजार में
नया खरीददार […] -
Rishi Kumar wrote a new post, आपसे दूर हूं 1 month ago
कविता-आपसे दूर हूं
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पापा मैं आपसे दूर हूं
आपके आशीष से भरपूर हूं,
कमबख्त काम ने घेरा है मुझे
ऐसा बंधक है बनाया
न गांव आ सकता
ना शहर छोड़ सकता,
गांव में जब आता हूं,
शरण स्नेह पाता […] -
Rishi Kumar wrote a new post, बावरी 1 month ago
कविता-बावरी
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सुन बावरी
क्यों लड़ती है मुझसे,
एक दिन रूठ जाऊंगा,
तूझे क्या पूरा शहर छोड़ जाऊंगा,
संग में कॉलेज आना जाना,
पार्को में समय बिताना,
होटल में खाना खाना,
फोन पर चै […] -
Rishi Kumar wrote a new post, जहर पिला दो 1 month ago
कविता-जहर पिला दो
—————————–
जहर पिला दो
जहर खिला दो
मम्मी पापा उपकार करो
जन्म नहीं देना मम्मी
दर्द मेरा एहसास करो
मुझ नन्हीं बच्ची पर
हवसी रहम नहीं करता है,
मन की प्यास बुझा […] -
Rishi Kumar wrote a new post, मुझे वरदान दो 1 month ago
कविता -मुझे वरदान दो
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वरदान दो वरदान दो
मुझे वरदान दो,
उठी है जो लहर मुझ में
हो विकट रूप जैसा
गति तेज सुनामी जैसा
साकार हो आकार हो
प्रकार हो ,मेरे ना विपरीत हो, […]-
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
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सरिता की धार जैसी,
पृथ्वी के धैर्य जैसा
मेरा पहचान हो ऐसी
ऐसा मुझे वरदान दो,
वरदान दो….
___बहुत सुन्दर पंक्तियां हैं कवि ऋषि जी की , सम्पूर्ण कविता ही बहुत उत्कृष्ट भाव लिए हुए है । प्रभु से वरदान मांगती हुई बहुत बहुत उम्दा रचना । वरदान अवश्य मिलेगा, बहुत लाजवाब प्रस्तुति -
अतिसुंदर भाव
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Rishi Kumar wrote a new post, भाई खुश हो 1 month, 1 week ago
कविता-भाई खुश हो
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भाई खुश हो,
आज तुम्हारा जन्मदिन है,
मैं तो तुमसे दूर हूं
मेरा आशीष तुम्हारे साथ है,
प्यार मिले ,
सत्कार मिले,
सम्मान मिले,
मिले जगत से –
खुशियों का सार […] -
Rishi Kumar and
Noorie Noor are now friends 1 month, 1 week ago
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Rishi Kumar wrote a new post, खाएंगे 1 month, 1 week ago
मुक्तक-खाएंगे
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अब बनाने वाले ही खाएंगे ,
कोई खाने वाला रहा नही,
लगता है, सब दावत मे गए,
या घर सब, रुठ के छोड़ गए
पर गए कहां यह पता नही,
पता होता तो हम उन्हें बुलाते,
अब घर सूना सूना ल […] -
Rishi Kumar wrote a new post, कब्र पर आकर 1 month, 1 week ago
कविता- कब्र पर आकर
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दौड़ रही हूं,
इधर उधर,
ढूंढ रही हूं,
डगर डगर,
पूछ रही हूं,
नगर नगर,
कोई मुझको,
पता बता दो,
मेरे साजन का,
घर बता दो|
कहाँ बसे हो
मुझे छोड़ कर,
आओ […] -
Rishi Kumar wrote a new post, क्या खोज रहे हो 1 month, 2 weeks ago
कविता- क्या खोज रहे हो
——————————–
क्या खोज रहे हो,
कहाँ भटक रहे हो,
अंदर सुख हैं-
बाहर सुख नहीं हैं
खुद को मजबूत बना
हरदम लड़ अपने से,
जिस दिन विजय तू पायेगा,
ज्ञाने […]-
अतिसुंदर रचना
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धन्यवाद
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ऋषि जी आपके भाव सचमुच उच्चस्तरीय हैं। आपकी संवेदना की जड़ बहुत गहरी है। मैं चाहता हूँ कि आपकी लेखनी काफी ऊँचा उठे।
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उत्साहवर्धन के लिए समीक्षा के लिए हृदय के संपूर्ण गहराई से आपका आभार
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“मन मति मद चित्त रूह पर उस दिन ब्रह्म समान हो जाएगा,”
अनुप्रास अलंकार से सुसज्जित बहुत ही उत्कृष्ट पंक्तियां। ज्ञान को समर्पित बहुत सुंदर रचना-
बहुत बहुत धन्यवाद 😊🙏🏻🙏🏻
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Rishi Kumar wrote a new post, विश्व पटल पर हिंदी चमके 1 month, 2 weeks ago
कविता-विश्व पटल पर हिंदी चमके
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विश्व पटल पर
हिंदी चमके
ऐसा राग सुनाता हूं,
दुनिया भर के लोग सुनो
क्यों हिंदी में कविता लिखता हूं,
जब दुनिया में
कोई भगवान न […]-
युवा कवि ऋषि जी, आपकी यह बहुत सुंदर रचना है। इसमें यथार्थ और आदर्श का बेहतरीन तालमेल है। मातृभाषा हिंदी के सम्बंध में बहुत सरस और सटीक पंक्तियाँ लिखी हैं आपने। बहुत खूब, लेखनी की यह निरंतरता बनी रहे। यूं ही रोज लिखें, निखरते रहें।
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धन्यवाद आपका सर ♥️🙏🏻🌹 हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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बहुत खूब
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धन्यवाद,🙏🏻
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“क्यों न गाऊँ हिंदी मैं मेरी मातृभाषा हिंदी है
सर्वत्र रहे यह हिंदी विश्व पटल पर मेरी हिंदी हो।”
मातृभाषा पर गर्व होना ही चाहिए ,कवि ऋषि जी ने प्राचीन भारत के भी दर्शन करवा दिए हैं अपनी कविता के माध्यम से । बहुत सुंदर पंक्तियां, उत्तम लेखन
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Rishi Kumar wrote a new post, कवि का धर्म 1 month, 2 weeks ago
मुक्तक-कवि का धर्म
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कवि का कोई
धर्म नहीं हो सकता है,
मंदिर मस्जिद चर्चो में
भगवान नहीं हो सकता है,
दुख को दुख कहता है जो
सुख को सुख कहता है जो
खुद के ,चाहे औरों पर हो,
सबके आं […]-
कवि ऋषि जी की यह बहुत प्रेरणादायक रचना है। इसमें कवि कर्म को देशहित, समाजहित में लिखने को प्रेरित किया गया है। कवि के हृदय में एकत्रित उच्च भावनाएं, विचार और संवेदनाएं अपनी प्रखरता से अभिव्यक्त हुई हैं। युवा कवि की बेहतरीन सोच है यह कविता। सत्य की ओर प्रेरित करने वाली, नारी के सम्मान को स्थापित करती चहुमुंखी अभिव्यक्ति है यह कविता।
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बहुत सुंदर समीक्षा सर ,हम आपका हृदय से आभार प्रकट करता हूं
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बहुत सुन्दर रचना
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धन्यवाद सर
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“लिखना जो भी सोच समझ के लिखदेश धर्म जनता के सब हित में लिख “।कवि का धर्म समझाते हुए कवि ऋषि जी की बहुत प्रेरणादायक रचना , जिसमें नारी के सम्मान की बात भी कही गई है और देशहित की भी । बहुत सुंदर कविता उत्तम लेखन
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धन्यवाद
बहुत सुंदर समीक्षा
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अतिसुंदर भाव
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धन्यवाद सर
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