” बच्चे और सपने “
सपनों में बच्चे देखना सुखद हो सकता है ; लेकिन ; बच्चों में सपने देखना आपकी भूल है जैसे; सपने…… सिर्फ़ सपने बच्चे : साकार नहीं करते वैसे ही; बच्चों में सपने साकार करना फिजूल है. हाँ ! आप ऐसा करिए; बच्चों में सपने रोपिए शिक्षा और संस्कार कदापि न थोपिए . आपके सपने ————— चाहे जितने रंगीन हों आपकी विफलता की कहानी हैं बच्चों की उडान उनकी सफलता की निशानी हैं. आप ... »