पिता
किसी अनजान से बोझ से झुका झुका ये फल दरख्त़ की झड़ों में ढूंढ़ता सुकून के चन्द पल। कभी मिले पत्तों के नर्म साए तो…
किसी अनजान से बोझ से झुका झुका ये फल दरख्त़ की झड़ों में ढूंढ़ता सुकून के चन्द पल। कभी मिले पत्तों के नर्म साए तो…
देखा किसी ने नहीं है मगर बहुत बड़ा बताते हैं लोग, कुछ लोग उसे ईश्वर तो कुछ उसे खुदा बताते हैं लोग, पता किसी के…
तुम शान थी मेरी , तुम मान थी मेरी , तुम अभिमान थी मेरी , इस दुःख भरी दुनिया में ,खुशियों की पहचान थी मेरी…
बनाकर खुद से खुद पर ही हैरान हो गया, मेरी माँ की सूरत के आगे वो बेजान हो गया, भेज दिया जिस पल मेरे घर…
बनाकर खुद से खुद पर ही हैरान हो गया, मेरी माँ की सूरत के आगे वो बेजान हो गया, भेज दिया जिस पल मेरे घर…
पथ दिखाके,लक्ष्य दिखती’ है पथ प्रदर्शक माँ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
दादी पोते के बीच का रिश्ता बहुत अजीब देखा है, किस्से कहानियों का भी रूप मैने सजीव देखा है, सफेद बाल मुलायम खाल का स्पर्श…
माँ ममता की मूरत है, प्यार का संसार है माँ तपते हुए जीवन में, शीतल सी फुहार है माँ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
माता मुझको आने दो, बाबा मुझको आने दो है कसूर क्या मेरा, जो आने से रोक रहे में भी हूँ रक्त तेरा, क्यों इसको भूल…
माँ गंगा तुम्हे नमन, चूमू तेरे चरण तेरी लहरों से शीतलता आये, लगे यु माँ का आँचल चारो दिशा धारा बहती करती हैं कल कल…
झंकार उर में मात कर दो, माँ वीणा पाणी वर दायनी हैं अवगुण जहाँ, हुंकार भर दे अज्ञान तम दूर भागे, मेरे सर पे हाथ…
अगर हुई गलती मुझे माँफ करो, हर गलती मेरी शर्मनाक है, या तुम मार गिरावो या माँफ करो। गलती किया इसलिए माँफी माँग रहा, अगर…
माँ न होती, तो यह श्रष्टि न होती पृथ्वी है माँ, प्राण है माँ उचित अनुचित की , द्रष्टि है माँ -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-
जन्म दिया मां तूने ही इस काबिल मुझे बनाया है, हर फर्ज अपना मेरे प्रति निभाया है। दिल से दिल का यह अनमोल रिश्ता, वाह…
टुकड़े माँ के दिल के हजार हो गए, जिस पल बंटवारे में उसकी ममता आई।। – राही (अंजाना)
मुझे माँफ कर देना” “”उतर ना सकी तेरी महोब्बत रूपी सीढ़ी पर। हाँ ? मुझे ले बैठा;लज्
मुझे माँफ कर देना” “”उतर ना सकी तेरी महोब्बत रूपी सीढ़ी पर। हाँ ? मुझे ले बैठा;लज्
सिफ़त माँ के मेरे बड़े साफ़ नज़र आते हैं, तामील दिलाने को मुझे जब वो खुद को भूल जाती है, पहनाती है तन पर मेरे…
बेशक खुशबू से भरा होगा मेरे दोस्त तेरा सनम, मगर मुझे तो माँ का मैला आँचल ही सुहाता है।। – राही (अंजाना)
माँ के दिल और पिता के दिमाग से परखा जाएगा, ये बचपन का पौधा बड़े हिसाब से ख़र्चा जाएगा, मेहनत लगी है गहन किसकी परवरिश…
दुनिया की भीड़ में जब कभी अकेली होती हूँ तो बहुत याद आती है मुझे मेरी माँ खुशियाँ हो या गम हो हर सुख दुःख…
जो उड़ रहे थे परिंदे बेख़ौफ़ खुले आसमाँ में, आज उस खुदा ने उन्हें ज़मी का मुरीद कर दिया॥ – राही
हर पल मेरी परवाह करते थकती क्यों तू न है, माँ मुझको इतना बतला दे तेरा भी क्या सपना है।। चंदा मामा के किस्से…
माँ माँ! तुम बहुत याद आती है, जब मै अकेले मे होता , आपका चेहरा नजर आता आँसु को रोक ना पाता ।। मेरी अब…
एक मां ही तो है जो अब भी अपनी लगती है वरना इस परायी दुनिया में कौन अपना है
कुछ भी नहीं छुपाता हूँ मैं माँ को सब कुछ बताता हूँ, माँ मुझ पर प्यार लुटाती है मैं सब कुछ भूल जाता हूँ, मैं…
“माँ” कितनी बार धुप मे खुन को जलाई तुने “माँ” मेरी लिए चंद रोटियाँ लाने मे। कितनी बार तुने खुशी बेच ली “माँ” तुने मुझे…
आई तुझ्यासाठी मी काय लिहू, आणि किती लिहू, तुझ्या महितीसाठी शब्दच अपुरे आहेत, तुझ्यासमोर सगळे जगच फिके आहे।। आई तुझ्या बद्दल बोलायला मला शब्दच उरणार…
चल पड़ी उस राह पर,जहां काटें बहुत थे| माँ, तेरी फूल जैसी गोदी से उतरकर ये काटें बहुत चुभ रहे थे| चलते हुए एक ऐसा…
आज मेरे पास सावन की मातृ दिवस की लिंक आई । फिर क्या इसे देखकर मुझे भी सनक आई । फिर मैने भी कलम उठाई…
संघर्षों में जीवन की तू परिभाषा कहलाती है, रंग बिरंगी तितली सी तू इधर उधर मंडराती है, खुद को पल- पल उलझा कर तू हर…
एक युवती जब माँ बनती है, ममता के धागों से बच्चे का भविष्य बुनती है, ज़ज्बात रंग -बिरंगे उसके, बच्चे के रंग में ढलते हैं,…
एक माँ ही तो है जिसने मुझसे और मैंने उससे बिना एक दूजे को देखे बेपनाह प्रेम और साथ निभाया है। एक माँ ही तो…
लाख अपने गिर्द हिफाजत की लकीरें खीचूँ, एक भी उन में नहीं “माँ ” तेरी दुआओं जैसी, लाख अपने को छिपाऊँ कितने ही पर्दों में,…
कितनी दफ़ा उँगलियाँ अपनी जला दी तूने… ‘माँ’ मेरे लिए चंद, रोटियाँ फुलाने में ! कितनी दफ़ा रातें गवां दी, “माँ” तूने मुझे सुलाने में,…
खामोशी को समेटकर कुछ अल्फाजो का पिटारा लाया हूं, उस ख़ुदा से भी बढ़कर है वो जिसके बारे में आपको कुछ बताने आया हूं। उसकी…
शाम हो गई तुम्हे खोजते माँ तुम कब आओगी जब आओगी घर तुम खाना तब ही तो मुझे खिलाओगी, रात भर न सो पाई करती…
जमाने में रहे पर जमाने को खबर न थी ढिंढोरे की तुम्हारी आदत न थी अच्छे कामों का लेखा तुम्हारा व्यर्थ ही रह गया हमसे…
इतने हैं तेरे रूप के मैं सबको गिना नहीं पाउँगा, खोल कर रख दी पल्लू की हर एक गाँठ तुमने, मैं तुम्हारे प्रेम का किस्सा…
जो ऊँगली पकड़ चलाती है, जो हर दम प्यार लुटाती है, जो हमको सुलाने की खातिर, खुद भूखी ही सो जाती है, खेल खिलौने कपड़े…
माँ हो साथ मेरे तो दुआ भी साथ देती है जब तक हाथ सर पे है खता भी साथ देती है जाने क्या असर है…
माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फिर नहीं दोहराउंगी मैं अपने बेटों को औरत की इज़्ज़त करना सिखाऊंगी माँ,मैं तुम्हारी गलतियों को फ़िर नहीं दोहराउंगी औरत…
तू जो होती माँ मैं कभी ना रोती माँ मैं भी स्कूल में सबके साथ तेरे बनाए पराठे खाती..माँ सब बच्चो की तरह मैं भी…
मां तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो सुख-दुख, खुशी-गम हर परिस्थिति में थामें हाथ बिन कुछ कहें ही समझती, मेरे दिल की हर बात मां…
पैदा कलम से कोई कहानी की जाए, फिर जज़्बातों की तर्जुमानी की जाए! खिलावे हैं खुद भूखे रहकर बच्चों को माँ-बाप के नाम ये जिंदगानी…
अपने आंचल की छाओं में, छिपा लेती है हर दुःख से वोह एक दुआ दे दे तो काम सारे पूरे हों…
तुम्हारे होने से ही मैं हूं मेरे वजूद का मतलब तुमसे है मां के चरणों में मेरा जीवन है मेरे जीवन का मतलब तुमसे है
माँ तेरे प्यार को कैसे लिखूँ, प्यारे से दुलार को कैसे लिखूँ, सुबह का जगाना और रात लोरी सुनना पल पल पूछे खाना खाले जो…
मन मन्दिर में जिसकी मूरत उसको दुनिया कहती माँ है माँ ममता की सच्ची मूरत जग में दुख को सहती माँ है ।। पुत्र नही…
पागल हैं, वे लोग जो कहते हैं कि, मरने के बाद जन्नत मिलती है ऐ दोस्तो मां की गोद में फिर एक बार सिर रखकर…
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