Master sahab
@master
active 1 week, 4 days ago-
Master sahab commented on the post, “किसान आन्दोलन” 1 week, 4 days ago
आपकी लेखनी हमेशा की कमाल करती है बहन प्रज्ञा जी।
आपने किसान की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है। आप यूं ही ज्वलन्त विषयों पर लिखती रहे।
सादर अभिवादन -
Master sahab commented on the post, जीवन कठिन हुआ जीवों का 2 months ago
बहुत खूब
-
Master sahab commented on the post, “स्वर्णिम नवल वर्ष” 2 months ago
अद्भुत लेखन प्रज्ञा जी,
बहुत ही सटीक सुंदर नव वर्ष के
उपलक्ष में सुंदर लेखन फोटो के हर एक पहलू को ध्यान में रखते हुए एकदम सटीक बैठती हुई अद्भुत रचना।
जिसकी समीक्षा कर पाना बहुत ही मुश्किल है
अपने शब्दों के माध्यम से अपने भावाभिव्यक्ति को
कागज पर ऐसे उकेरा है।
जैसे वह जीवंत हो उठी हो, सुंदर शिल्प, बेहतरीन शिल्प बेहतरीन कथ्य -
Master sahab commented on the post, “रावण दहन” 4 months, 1 week ago
बहुत शानदार प्रस्तुति👏👏👏👏👏
विजयादशमी के उपलक्ष में
सावन द्वारा प्रायोजित फोटो प्रतियोगिता में इतनी सुंदर कविता लिखी है आपने अपने अंदर के रावण को मारने के बाद रावण दहन करने की सलाह काबिले तारीफ है आपकी कविता का कला पक्ष एवं भाव पक्ष प्रधान है साथ ही आपने बहुत ही साधारण प्रतीक भाषा का प्रयोग करते हुए कविता को लिखा है तथा रामराज्य स्थापि…[Read more] -
Master sahab posted a new activity comment 4 months, 3 weeks ago
जी सर
आप बात को समझ गये हैं
यह मेरा सौभाग्य है
आशा करता हूँ की अब सावन पर आलोचना का उचित प्रतिमान स्थापित होगा।
🙏🙏🙏🙏🙏 -
Master sahab commented on the post, उलझी-सुलझी कविता – जगा आग 4 months, 3 weeks ago
आधुनिक कविता की विधा लेकर आपने जिस प्रकार मनुष्य के अविश्वास की बराबरी अंधकारमय
आकाश से की है
वह अपने आप में नवीन उपमा है यह सत्य ही है मनुष्य को अपने ऊपर अडिग विश्वास होना चाहिए और तभी किसी पथ पर कदम बढ़ाना चाहिए जब उसे उस पथ का ज्ञान हो किसी ने कहा हैपाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बन
वो अक्सर भटक गये जिन्हें सहारा मिल गया।
👍👍…[Read more] -
Master sahab posted a new activity comment 4 months, 3 weeks ago
बिल्कुल सही कहा सतीश जी आपने कविता लिखने में या हिंदी साहित्य की किसी भी विधा को लिखने में बहुत मेहनत लगती है और कवि की सबसे बड़ी पूंजी होती है सराहना यदि उसे उचित सराहना ना मिले तो वह हतोत्साहित हो जाता है परंतु यदि उससे अच्छी सराहना मिलती है तो वहां अपना लेखन कार्य दोगुनी गति से करना शुरू कर देता है परंतु सतीश जी मेरा विचार सिर्फ और सिर्फ आचार्य…[Read more]
-
Master sahab commented on the post, जो जान लेता है.. 4 months, 3 weeks ago
सही कहा आपने गीता जी अनजान व्यक्तियों द्वारा उठाया गया उपहार हमारे ह्रदय को नहीं चुभता
और जब कोई हमारी अच्छाइयों गुणों को तथा हमारी सीरत को जान जाता है तो वह वाकई में हम पर जान देता है आपने जिस प्रकार यमक अलंकार का प्रयोग किया है उसने आपकी कविता में चार चांद लग जाते हैं -
Master sahab commented on the post, “कचरापार्टी” 4 months, 3 weeks ago
यह तो बड़ी हास्यास्पद कविता हो गए आपने बिल्कुल सत्य कहा जिस प्रकार सुबह-सुबह किन्ही कारणों से आंख खुल जाते हैं और उनिदी आंखों से उठना पड़ता है Tu Hriday mein kuch ISI Prakar ki भावनाएं उठती है कचरा पार्टी के ऊपर बहुत ही अच्छी रचना और जैसा कि ऋषि जी ने कहा कि आपने कलम के द्वारा समाज में फैली अराजकता सांप्रदायिकता तथा संवेदनशील मुद्दो…[Read more]
-
Master sahab commented on the post, आशु कवि 4 months, 3 weeks ago
आपकी रचना पढ़ कर काका हाथरसी की कविता हमें याद आ गए आपने जिस प्रकार
आधुनिक युग के अमृत के बारे में बताया है तथा उसे शब्दों में पिरोया है साथ ही आपने अपनी काव्य प्रतिभा और आशु कवि की व्याख्या भी कर दी है इन सभी विषयों को आपने सम्मिलित करके अपनी कविता के शिल्प को बहुत मजबूत कर लिया है वाकई में आप बहुत ही आगे जाने वाले हैं -
Master sahab commented on the post, एक ******कवि बना दिया 4 months, 3 weeks ago
Aapki yah Kavita Aap Se Bhi Jyada Pyari Hai Shastri ji
-
Master sahab commented on the post, वो मेरा जीवनसाथी था…. 4 months, 3 weeks ago
जीवनसाथी की महत्ता को बताते हुए तथा शारीरिक सौंदर्य वासना को नकारते हुए जिस प्रकार आत्मीयता को तथा आंतरिक सुंदरता के बारे में वर्णन किया गया है प्रज्ञा जी आपके द्वारा वह आपकी प्रखरता को काव्य प्रतिभा को प्रदर्शित करता है यह काम बहुत ही दूभर था परंतु आपने जिस प्रकार कर दिखाया वहां अचंभित करता है
-
Master sahab commented on the post, मलिका*** 4 months, 3 weeks ago
जिस प्रकार नायिका ने अपने नायक के बारे में बताया है और नायक की बुद्धि के व्यक्तित्व के गुणों का बखान किया है वह काबिले तारीफ है नायक के द्वारा कहे गए वचन पुरुषत्व की स्थापना करते हैं बहुत ही लाजवाब रचना
👏👏 -
Master sahab commented on the post, भूल गयी खुद को 4 months, 3 weeks ago
बेबस और गृहस्थ नारी अपने जीवन की विसंगतियों से जब बुझिल होकर टूटती है तो कुछ इसी प्रकार टूटती है उसे अपने आंचल से सभी को प्यार दुलार देना पड़ता है बच्चों को बड़ा करना पड़ता है और एक वृक्ष की तरह अपने हर रिश्ते को पुष्पित फलित करना पड़ता है परंतु जीवन की इस उधेड़बुन में उसकी स्वयं की ख्वाइश है उसका अस्तित्व नष्ट हो जाता है उसे तमाम प्रकार के…[Read more]
-
Master sahab commented on the post, रौनक सज रही है आजकल 4 months, 3 weeks ago
भावनात्मक रूप से आपकी रचना बहुत सुंदर है तथा जी मनसे और सोच से आपने इस कविता को सजाया है उसका कलापत उसका शिल्प बहुत ही मजबूत है आपकी यह चंद पंक्तियां गत्यात्मक है भाषा शैली सरल और सहज है तथा आपने जिस प्रकार सावन परिवार के बारे में तथा कविता के कुछ नाम चीनी प्रकारों के बारे में बातें की है और अपनी कविता को सजाया है वह आपकी दुर्लभ प्रतिभा को व्यक्…[Read more]
-
Master sahab posted an update 4 months, 3 weeks ago
मैं सावन के मंच पर अपनी पहली पोस्ट डाल रहा हूं उम्मीद करता हूं आप सभी का प्यार मिलेगा।
सावन पर सभी कवि अच्छा लिखते हैं कभी कुछ रचनाएं अच्छी होती हैं ।
तो कभी कुछ गुणवत्ता और शिल्प की दृष्टि से कम गुणवान भी होती हैं।इतने समय से आप लोग एक दूसरे की कविताएं पढ़ रहे हैं और एक दूसरे को जानते हैं।
तो आपके बीच में इतना प्रेम तो जरूर स्थापित हो गया…[Read more]-
बहुत उचित लिखा है सर, बात का अनुसरण जरूर किया जाना चाहिए। हम तो कवित्त्व में ही रमे रह पाते हैं। हां आवश्यकतानुसार अपने साथी कवियों की कविताओं का आनंद लेकर अपनी अनुभूति के अनुसार प्रोत्साहन की टिप्पणी कर देते हैं।
आपकी सलाह अनुकरणीय है।-
बिल्कुल सही कहा सतीश जी आपने कविता लिखने में या हिंदी साहित्य की किसी भी विधा को लिखने में बहुत मेहनत लगती है और कवि की सबसे बड़ी पूंजी होती है सराहना यदि उसे उचित सराहना ना मिले तो वह हतोत्साहित हो जाता है परंतु यदि उससे अच्छी सराहना मिलती है तो वहां अपना लेखन कार्य दोगुनी गति से करना शुरू कर देता है परंतु सतीश जी मेरा विचार सिर्फ और सिर्फ आचार्य…[Read more]
-
बिल्कुल उचित बात है सर।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। -
जी सर
आप बात को समझ गये हैं
यह मेरा सौभाग्य है
आशा करता हूँ की अब सावन पर आलोचना का उचित प्रतिमान स्थापित होगा।
🙏🙏🙏🙏🙏
-
-
-
-
Master sahab commented on the post, सुबह और सांझ 4 months, 3 weeks ago
4 पंक्तियों में आपने गहरी संवेदना व्यक्त की है सांझ और सवेरा के अंतर को जिस प्रकार आपने व्यक्त किया है वह उपमा
बेहद सराहनीय है -
Master sahab commented on the post, सब अच्छा होगा 4 months, 3 weeks ago
निराशा को व्यक्त करती हुई आपकी यह पंक्तियां गागर में सागर भरने का काम करती हैं आप अपनी कविताओं में जिस प्रकार की शब्दावली का प्रयोग करते हैं वह सराहनीय है और आपको हर कवि से अलग रखती है आपकी या व्यक्तिगत प्रतिभा
-
Master sahab commented on the post, विरह वियोग 4 months, 3 weeks ago
बिरहा वर्णन करना सबके बस की बात नहीं होती महादेवी वर्मा जैसे प्रखर महिला कवित्री यों ने इसका वर्णन किया है आप उम्र में छोटे हैं परंतु आप का जज्बा सराहनीय है आपकी हर एक रचना काबिले तारीफ है
-
Master sahab commented on the post, साँझ 4 months, 3 weeks ago
साँझ पढ़िए
- Load More
बिल्कुल उचित बात है सर।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
जी सर
आप बात को समझ गये हैं
यह मेरा सौभाग्य है
आशा करता हूँ की अब सावन पर आलोचना का उचित प्रतिमान स्थापित होगा।
🙏🙏🙏🙏🙏