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Pragya Shukla wrote a new post, बेटों का दर्द 24 seconds ago
बेटियों का दर्द
तो सब जानते हैं
पर बेटों के दर्द को
कहां किसी ने देखा है
बेटियाँ चली जाती हैं
घर छोड़ कर
फिर उस घर की
बेटा ही तो देख-रेख करता है
प्यार वह भी करता है
अपने माँ बाप से
अकेले होने पर सि […]
Satish Pandey wrote a new post, भले ही सो रहा हूँ मैं 5 hours, 2 minutes ago
भले ही सो रहा हूँ मैं
थका-माँदा यहाँ
फुटपाथ में
मगर चलती सड़क है
रुकती है बमुश्किल
एकाध घंटा रात में।
उसी में नींद लेता हूँ
उसी में स्वप्न आते हैं,
कभी जब राहगीरों के
बदन पर पैर प […]
मगर असहाय हूँ
घर से निकाला हूँ
कमजोर हूँ मैं वृद्ध हूँ
अब तो दिवाला हूँ।
__________ असहाय वृद्ध व्यक्ति का बहुत ही मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करते हुए कवि सतीश जी की बेहद संजीदा रचना, लाजवाब अभिव्यक्ति, उम्दा लेखन
बहुत गंभीर रचना
Satish Pandey wrote a new post, तैर ले बाढ़ है दुखों की अगर 5 hours, 46 minutes ago
छोड़ दे छोड़ दे उदासी को
कोई फायदा नहीं है चिंता से
गम में मत रह बढ़ा न दर्द ए दिल
कोई फायदा नहीं है चिंता से।
दुःख तो होता है कुछ भी खोने से
न कोई लौटता है रोने से
कुछ नया सोच दूर पीड़ा कर
ख्वाब ला मन में त […]
कैसे पायेगा लक्ष्य तू ही बता
ऐसे मायूस पथ में होने से,
तैर ले बाढ़ है दुःखों की अगर
अपनी किस्मत को यूँ डुबोने से।
____________ पाठक को प्रोत्साहित करती हुई कवि सतीश जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना, उच्च स्तरीय लेखन
बहुत ही उत्तम रचना
Geeta kumari wrote a new post, यह कोरोना है देशवासियों.. 12 hours, 30 minutes ago
कोरोना का कहर हुआ,
गली-गली हर शहर हुआ।
आ गई है दूजी लहर,
कोरोना ने कितना बीमार किया।
दर्द दिया लाचारी दी,
बहुत बड़ी बीमारी दी
परेशान बहुत किया इसने,
कितनी बड़ी महामारी दी।
फ़िर भी, किसी […]
समसामयिक रचना, सही बात, उत्तम काव्य
आपकी इस प्रेरक समीक्षात्मक टिप्पणी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रा जी, हार्दिक आभार
Geeta kumari wrote a new post, चन्दा की नगरी में.. 1 day ago
चन्दा की नगरी में ले चल प्रीतम,
चुनरी में सितारे जड़वाऊॅंगी।
चाॅंद की रौशनी में,
तुम्हारे संग जश्न मनाऊंगी।
दो-चार सितारे अलग से लूॅंगी,
तुम्हारे कुर्ते में लगवाऊॅंगी।
दोनों घूमेंगे चमचम करते,
पायल की […]
चन्दा की नगरी में ले चल प्रीतम,
चुनरी में सितारे जड़वाऊॅंगी।
चाॅंद की रौशनी में,
तुम्हारे संग जश्न मनाऊंगी।
—- वाह बहुत ही सुन्दर रचना। अद्भुत भाव,
इस प्रेरक और सुंदर समीक्षा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी
Pragya Shukla wrote a new post, बेवफा तो यूँ ही बदनाम हैं 1 day, 2 hours ago
वफा तो वही करेगा
वफा करना जिसका काम हैं,
अक्सर वफादार है बेवफाई करते हैं
बेवफा तो यूं ही बदनाम हैं।।
अक्सर वफादार ही बेवफाई करते हैं”
स्पेलिंग मिस्टेक हो गई😒
बहुत बढिया लिखा है आपने
धन्यवाद
Pragya Shukla wrote a new post, आंखों की पुतलियों में तू… 1 day, 2 hours ago
कई साल गुजर गए पर
आज भी महसूस होता है
जब भी तू इन गलियों से गुजरता है
तेरा आना जाना लगा रहता है
दिल की गलियों में
आंखों की पुतलियों में तू घूमता रहता है
इश्क करना है तो इश्क कर ले
मिटा देना है तो मुझे दिल […]
अति सुन्दर रचना
धन्यवाद
Mehmoodazmi khan's profile was updated 1 day, 3 hours ago
👍👍
Mehmoodazmi khan wrote a new post, एक दिन तो जाना है तुझको,आज तो साथ रहने दे, 1 day, 3 hours ago
एक दिन तो जाना है तुझको,आज तो साथ रहने दे,
ये दर्द ज़फ़ा का तेरे संघ सहने दे.
ऐसे न नज़रे चुरा मुझसे,हूँ मै आखिर तेरा दीवाना,
है जब तक साँस बाकि,तब तक तो तेरे इश्क़ में मुझको जलने दे.
ऐसे न जुदा […]
Aaiye mehmoodazmi bhai aapka swaagat hai…
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां लिखी हैं आपने
Sukriya
सुंदर अभिव्यक्ति, बहुत सुंदर रचना
Sukriya
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
Thanks
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
Thanks
Mehmoodazmi khan wrote a new post, Jo Bit gai wo baat gah. 1 day, 3 hours ago
Jo bit gai so baat gai
Chalo ek nai suruat karen
Mera gham tu lele tera gham mailelun
Chal baith ek duje se kuch naat karen
Bhuli bisry yaado se dard k faoware uthte hain
gujara jamana bit gaya q usse […]
Nice thought and beautiful poetry
Beautiful lines
Very nice sir
Geeta kumari wrote a new post, मेघा आए रे 1 day, 4 hours ago
मेघा आए रे आए रे,
ऐसी पड़ी फुहार।
भीगी मेरी कॅंचुकी,चुनरिया
नीर गिरे भरमार।
श्याम वर्ण के मेघा बरसे,
खूब गिरी जल-धार।
इतनी तो होली पर भी ना भीगी,
जितनी भीगी बारिश में इस […]
बहुत ही उत्तम प्रस्तुति
बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रा जी
मेघा आए रे आए रे,
ऐसी पड़ी फुहार।
भीगी मेरी कॅंचुकी,चुनरिया
नीर गिरे भरमार।
—- कवि गीता जी की बहुत ही सुरम्य रचना । वाह
उत्साहवर्धन और सुंदर समीक्षा हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी
Geeta kumari wrote a new post, मजदूर 1 day, 5 hours ago
कर के आया था मजदूरी,
था थकन से चूर।
रूखा-सूखा खा कर सो गया,
वह बूढ़ा मजदूर।
ओढ़ी एक फटी थी चद्दर,
उसके सूराख़ों से घुस गए मच्छर।
हाथ पैर पटकता था,
मच्छर भगाने को।
एक पॅंखा भी नहीं था,
उसके […]
बहुत लाजवाब लिखा है
आभार इंद्रा जी, धन्यवाद मैम
Satish Pandey wrote a new post, वहाँ भगवान है मेरा 1 day, 11 hours ago
ईश्वर का पता कहाँ है
मन ढूंढता रहा है,
कोई कहे यहाँ है
कोई कहे वहाँ है।
मगर जब गौर से देखा
मुझे ईश्वर दिखा उसमें
कि था जब भूख से व्याकुल
खिलाई रोटियाँ जिसने।
गिर पडूँ तो सहारा दे
वही है देवता मेरा
जरू […]
दिखा दे नेकियों का पथ
प्रेरणा दे मुझे सत की
मुझे उत्साह दे दे जो
वही भगवान है मेरा।
जहाँ नफरत न हो बिल्कुल
मुहब्बत का रहे डेरा,
_________ संपूर्ण कविता में एक सच्चाई और यथार्थ के दर्शन हो रहे हैं। जीवन के प्रत्येक दृष्टिकोण को अपने में समाहित करती हुई कवि सतीश जी की, बहुत ही श्रेष्ठ रचना, उच्च स्तरीय लेखन
बहुत ही उत्तम लेखनी
Satish Pandey wrote a new post, नया स्वर फूँकना है 1 day, 12 hours ago
रोशनी कर दो ना
जला दो बल्ब सारे,
देखने हैं मुझे
दिवस में चाँद तारे।
अंधेरे से बहुत
उकता गया हूँ,
मन भरी पीड़ को
लिखता गया हूँ।
अब मुझे जूझना है,
नया स्वर फूँकना है,
बुलंदी है जगानी
नहीं अब टू […]
जिन्दगी की कहानी
सदा चलती रही है,
छोड़ कड़वाहटें सब
मधुर रस स्वाद चखना है।
_________ जीवन की कठिनाइयों में ,उत्साहवर्धन करती हुई कवि सतीश जी की बहुत सुंदर और प्रेरक रचना, शिल्प और भाव का अनुपम संगम, लाजवाब अभिव्यक्ति..अति उत्तम लेखन
बहुत सुन्दर कविता लिखी है वाह
बहुत सुंदर कविता है
Satish Pandey wrote a new post, हर अवसर भुनाना होगा 1 day, 15 hours ago
हर अवसर भुनाना होगा
मौका मिलेगा तुझे भी
एक दिन मुश्किल से
उसे बस कस कर लपकना होगा।
हो अगर कंटक युक्त झाड़ी तो
बीच में फूल बनकर
महक के साथ महकना होगा।
उदासी फेंक कर
कुछ दूर अपने से तुझे,
जिगर […]
बहुत प्रेरक रचना
जिगर मजबूत कर हँसना होगा।
राह भटका रहे कारक
नजरअंदाज कर,
तुझे मंजिल की सीढ़ी में
युवक चढ़ना होगा।
मैं नहीं हार मानूँगा
__________ युवा वर्ग को प्रोत्साहित करती हुई कवि सतीश जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना। उत्तम शिल्प और भाव सहित अति उत्तम लेखन
उच्च स्तरीय रचना