अंदर से ज़िंदा। MaN(मन) 8 years ago ना नजरों में नज़ाकत रहती है ना दिल में कोई आहट रहती है हाँ पहले था ‘मन’ अंदर से ज़िंदा अब तो उसकी दिखावट रहती है