Site icon Saavan

अधूरा गीत

अधूरा गीत

तुम बिन मेरे साजन बोलो कैसे ये जज़्बात लिखूँ,
दिन मेरा कैसा बीता कैसे बीती रात लिखूँ।

मन में उलझन भारी था तो ख़त तुमको ये लिख डाला,
याद तुम्हारी दर्द लिखूँ या लम्हों की बारात लिखूँ।

#काफ़िर

Exit mobile version