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अपना सनातन नूतन वर्ष है आया लेकर अनंत खुशियां अपार

अपना सनातन नूतन वर्ष है आया
लेकर अनंत खुशियां अपार
करिए अभिनन्दन नववर्ष का
चहुंओर ले आएं प्रेम की बहार
दो पल का जीवन है मिला
यूं हीं मत करिए बेकार
वसुधैव कुटुंबकम् की महत्ता को
करना है हमको विस्तार
ज्ञान का दीपक हम जलाकर
मिटाएं मन का अंधकार
बड़े बुजुर्गों की आंखों से अब
और न बहने देंगें अश्रुधार
फैली कुरीतियों बुराइयों का
आओ मिलकर करें संघार
नैतिकता मानवता की राह चलें हम
करें अपनी गलतियों में सुधार
स्वयं जाग्रत हो, जागरूकता लाएं
करना है हमको सबसे सद्व्यवहार
मान बढ़ाएं अपनी संस्कृति का
खुशियों से भरा हो घर संसार
सार्थक करें मानव जन्म हम
ईश्वर का व्यक्त करें आभार
अपना सनातन नूतन वर्ष है आया
लेकर अनंत खुशियां अपार

स्वरचित एवं मौलिक रचना
—✍️ एकता गुप्ता “काव्या”
उन्नाव उत्तर प्रदेश

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