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अपराधै का बाटा: कुमाऊँनी कविता

अपराधै का बाटा
जिन हिट्या नंतिनौ,
अपराधै को बाटो
बर्बाद करि दे लो।
गरीबै का छोरा
गैंगों में जिन घुस्या,
गैंगों में फँसि बेर
वापसी नै हुनी।
जिन फंस्या, जिन फंस्या
जन फंस्या नंतिनौ,
अपराधै का जाल
जन फंस्या नंतिनौ।
कमि खाया गमि खाया
मिहनत करि लिया।
मिहनतै कमाई,
कमाई भै इज़ा।
मिहनतै की रोटी
कमाया नंतिनौ
अपराधै का बाटा
जिन हिट्या नंतिनौ।
पोरै की छ बात
उस ठुलो अपराधी
मारि बै गिराछ
कि रै छ बात।
जत्ती लै छ्या वीका
पछेट नंतीनौं,
सब्बौ का बिहाल
हैग्यान नंतिनौ।
आई ल गै यो बात
सुनि लिया नंतिनौ
अपराधै का बाटा,
जन हिट्या नंतिनौ।

—- डॉ0 सतीश पाण्डेय, चम्पावत, उत्तराखंड

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