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अब बहुत हो गया

अब बहुत हो गया लेती हूँ मैं विदा
कल फिर लेकर आऊंगी
कुछ अल्फ़ाजों की लड़ी
प्रीत से भीग जायेगा तन-मन तुम्हारा
लग जायेगी आँसूओं की झड़ी।

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