अभिवादन सम्मान Satish Chandra Pandey 3 years ago निद्रा में था रात भर, उठूँ धरूँ अब ध्यान, मात-पिता गुरु देव का, अभिवादन सम्मान, अभिवादन सम्मान, बड़ों का करूँ पूज लूँ, ले उनसे आशीष, राह में कदम बढ़ा लूँ। कहे कलम आशीष, एक अनमोल है मुद्रा, उसे पास रख कदम बढ़ा तू त्याग दे निद्रा।