अभिवादन Janki Prasad (Vivash) 6 years ago मित्र अपना यह अभिवादन , बहुत मन को सुहाता है । आँख जैसे ही खुलती है , तुम्हारा ध्यान आता है । मै ईश्वर से भी पहले ,बस तुझे ही याद करता हूँ , तू जीवन के अँधेरों में , मुझे रस्ता दिखाता है । ****जानकीप्रसाद विवश **