अर्थ होते हैं त्वरित Pragya 3 years ago अर्थ होते हैं त्वरित परिमाण होते हैं गीत होते हैं स्वयं के साज होते हैं है धरा मुर्छित हुई जब जब म्यान में तलवार है दूर कितना है सवेरा चहुँ ओर अन्धकार है है विदुर बैठा हुआ धृतराष्ट्र भी गूँगा हुआ आज अर्जुन के कर्तस में ना बचा कोई बाण है।