जरा- सा वक्त लगेगा
तुमको समझने में, जान पाने में
पर जब तक दिलों के बीच
दूरियां हैं तब तक
नजदीक ना आना…
जब तुम्हारी सांसों की खुशबू
मेरा मन भिगाएगी,
तुम्हारी रूह की गर्मी
मेरे तन को तपाएगी
तब तुम्हें अपनी निगाहों में
छुपाऊंगी,
तब तुम्हें परमेश्वर बना,
अर्धांगिनी बन जाऊंगी….