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अश्क

कुछ बेरुखी रही आज कल घर मेरे.
ना दिल रहा अकतियार मेरे.
डबाडबाई आँखो से उतर आई अश्क कपोलो पर.
कितनी बेरुखी रही मोहब्बत हमारे खित्ते है्.

#अवध?

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