ख़ुदा बनके अब तक जो मिलते रहें हैं,
अब उन ख़ुदाओं से मन भर गया है।
दुश्मनों ने न बरती कोताही ज़रा सी,
हमेशा मुझे याद करते रहे।
इधर इन ख़ुदाओं ने ऐसा भुलाया,
दाँव दुश्मन का मुझ पर असर कर गया है।
ख़ुदा बनके अब तक जो मिलते रहें हैं,
अब उन ख़ुदाओं से मन भर गया है।…….