अज़ल से हमारे हो Satish Chandra Pandey 4 years ago आज से नहीं तुम अज़ल से हमारे हो, गैहान जब से बना होगा तब से, दिल मे हमारे हो गजल में हमारे हो। अज़ल – अनादिकाल गैहान – सृष्टि