Site icon Saavan

आज भूल गई

ताज्जुब है तुम्हारी यादाश्त पर
सारी बातें कैसे याद रहती हैं तुम्हें
यही सोचती हूं मैं आजकल
क्योंकि मैंने तुम्हें कल
लफ्ज़ लफ्ज़ याद किया था
और आज भूल गई।

Exit mobile version