Site icon Saavan

*आत्म-बल*

कभी कोई कांटे बिछा दे राहों में,
कांटे चुन-चुन के दूर कर दो।
इस तरह बढ़ाओ आत्म-बल,
कि अरि के स्वप्न चूर कर दो।
अन्धकार कर दे कोई राहों में गर,
तो जला मशाल तिमिर दूर कर दो।
प्रतिकूल परिस्थिति से ना घबराओ कभी,
स्थिति अपने अनुकूल कर दो।
मेहनत और लगन चलो संग लेकर,
कि मार्ग की बाधाएं दूर कर दो।
चलते रहो निरंतर बिन रुके,
कि एक दिन मंज़िल को फ़तह कर दो।।
_____✍️गीता

Exit mobile version