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आदत से लाचार मेरा कान्हां

चुरा के माखन खाए नटवर नागर नंदा।
कान पकड़ के खींचीआज मैया यशोदा ।।
माखन चोर है, मैया यशोदा के नंद लाला।
तभी तो शिकायत कर गयी समस्त ब्रजबाला ।।
घर 🏡 घर में मटकी तोड़ना माखन खाना।
पकड़े जाने पर सुंदर सुंदर बहाना बनाना।।
परेशान हो कर जब पीटने दौड़ती यशोदा मैया।
फूट फूट कर रो पड़ते ब्रज के छोटे छोटे गैया।।
चुरा कर माखन ए मैया अब कभी न खाऊंगा।
अपनी माँ के मन को अब न ठेस पहुंचाऊंगा।।
यही सुन के लगा लेती गले अपने कान्हां को।
लाचार कान्हां चल पड़े फिर माखन चुराने को।।

गोविंदा

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