Site icon Saavan

आशा

कपटी छलिया को बेनकाब करने आया हूं,
आशा का एक नया दीप जलाने आया हूं।
तीर और फरसा को म्यान में ही रखकर,
बातों बातों से दुश्मन को अपना बनाने आया हूं।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

Exit mobile version