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आशिक

सच्चे आशिक जिस्म के मोहताज नहीं होते,
प्रेम समर्पण करके खुद को आबाद कर जाते।
आंच ना आये मोहब्बत की छोर में,
इसलिए प्रेमी खुद को सरेआम मौत को गले लगाते।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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