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आसान नहीं है उड़ना कई मर्तबा गिरना होगा

आसान नहीं है उड़ना कई मर्तबा गिरना होगा

वो जो ठहरे हैं हवा में

कभी घसीटे गए होंगे जमीं की धूल में,

गर चाह है उस जिंदगी की

जिया जिसे तु सपनो में..

ना फिक्र कर

तु है उस दिशा में

जहाँ कुछ खा़स तेरे संग

होने को है..

आँधीयां तो आएगी तेरी

जलती लौ को थामने..

ना घबरा इनसे तु कभी

तु आज में कल को संजो,

कुछ पाना है तो कर गुज़र

हो सकता है कई दफा

टुटे तु हर राह पर

आसान नहीं हैं जीना यूं कई मर्तबा मरना होगा !

जो ठान ली तो कर दिखा

मानो जैसे,

मन बसा हो उस मंजि़ल में

गर ना हुआ तो फिर सही ..

गर हो गया तो कहना क्या !!

 

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