आहट होते ही Chandra Pandey 3 years ago कुएं का मेंढक समझता है और आएं नहीं मैं ही टर्राते रहूँ, राज अपना समझ कर और पर गुर्राते रहूँ। दूसरों के आने की आहट को सुन पूरा तालाब गंदा कर देता है।