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आज़ादी

क्यों कैद करते हो पंछियों को
आज़ाद कर दो इनको सब आज
इनको भी हक़ मिला हुआ है
खुले आसमाँ में विचरण का जनाब
गुलामी में जीना किसको पसंद है
दे दो आज़ादी इनको भी आज।।

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