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इंतज़ार

रौशनी में अक्स दिखा, लगा तुम आए।
हर एक आहट पर ऐसा लगा तुम आए।
इंतज़ारे-बेक़रारी बढ़ती गई, साँसे घटती गई,
हर एक सदा पर ऐसा लगा तुम आए।

देवेश साखरे ‘देव’

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