यूँ तो चला है चाँद पर घर बसाने के लिए
पर ढंग से धरती पर जी पाया है क्या आदमी
ज्ञानी ,ध्यानी दानी और संस्कारी भी बना
पर इंसान बन पाया है क्या आदमी .
यूँ तो चला है चाँद पर घर बसाने के लिए
पर ढंग से धरती पर जी पाया है क्या आदमी
ज्ञानी ,ध्यानी दानी और संस्कारी भी बना
पर इंसान बन पाया है क्या आदमी .