इश्क़ NIMISHA SINGHAL 5 years ago इश्क आंखों में डूबा रहता है, रोम- रोम में रहता है। लबों को छूकर जाता है , जग में तन्हा कर जाता है। सरगोशी सी कर जाता है, गुपचुप सी हंसी दिलाता है। जाने क्या क्या कह जाता है जग सतरंगी कर जाता है निमिषा