एकजुटता Satish Chandra Pandey 3 years ago बालों में लगे रबर की तरह खिंचे चले जा रहे तो तुम, खिंच रहे हो मगर बांध रहे हो सभी को एकजुट, जिससे निखर रही है चोटी, एकजुटता से ही हम छूँ सकते हैं चोटी, मुश्किलें कर सकते हैं आसान सफलता पा सकते हैं मोटी।