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एक जंजीर ढूंढता हूँ ..

मुझे हमेशा तुम से बाँधें रखेँ ….

इस क़ायनात में , ऐसी एक जंजीर ढूंढता हूँ …..

 

दौलत से सब बन जाते है अमीर …

लेकिन तुझमे मैं , वो दिल वाला अमीर ढूंढता हूँ …..

 

बांवरा , मगर थोड़ा सयाना बन ….

पार हो जाये तेरे दिल के….

मैं तरकश में ,  वो मोहब्त का तीर ढूंढता हूँ ….

 

पंकजोम ” प्रेम “

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