एक ही मुस्कान पर Satish Chandra Pandey 4 years ago आज भी हम तुम्हारी एक ही मुस्कान पर, सैकड़ों शायरी बना सकते हैं तुम मुस्कान तो दो। आज भी शब्दों के फूलों को बिछाकर राह में स्वागत करेंगे, तुम, हमें आने का कुछ पैगाम तो दो।