Site icon Saavan

ऐसे नहीं है टूटना

दर्द तो है मगर
ऐसे नहीं है टूटना
और को भी देखना है
अब नहीं है टूटना।
यदि हमारे हाथ में
बात होती, शक्ति होती
तब अलग ही बात होती।
सांस है ईश्वर के हाथों
जितनी मिली उतनी मिली
हम व्यथित होते रहे
भावना छिलती रही।
इसलिए खुद ही संभलना है
मन कड़ा अपना बना कर
ठोस भावों को बना कर
रख कदम आगे निकलना है।

Exit mobile version