Site icon Saavan

ऑंखें तेरी खुलीं

ऑंखें तेरी खुलीं हैं पड़
तू जाग कर जगा नहीं
अपनी सुबह में भांपना
मेरा हमसफ़र अब है कहाँ
तू पीछे रह गया कहाँ

Exit mobile version