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और है ही कौन मेरा..??

तुम अपने हो तभी
शिकायत कर देती हूँ
जो मन में आता है कह देती हूँ
तुम्हें हरगिज बुरा लगता है
यह भी जानती हूँ पर
तुम्हें अपना मानती हूँ
तभी सब कुछ कह देती हूँ
और है ही कौन मेरा ?
जो मुझे सुने, समझे !
मैं तो तुम्हीं को अपनी दुनियां मानती हूँ..

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