कतरा बन गिरो,
पत्ते पर ओंस की भांति।
कतरा बन गिरो,
शीतल बारिश की भांति।
कतरा बन गिरो,
सीप में मोती की भांति।
कतरा बन गिरो,
पिघलते मोम सी ज्योति की भांति।
कतरा बन गिरो,
मातृभूमि पर लहू की भांति।
कतरा बन ऐसे न गिरो,
किसी आंखों से आंसू की भांति।
देवेश साखरे ‘देव’