रवि के उजाले में हम तिरंगा लहरायेंगे।
वीर जवानो के गाथा फिर से हम दोहरायेंगे।।
दो मिनट के मौन रख कर हम एक साथ।
इंकलाब जिंदाबाद के नारा लगायेंगे।।
वतन के लिए हमने क्या किया भूल जायेंगे हम।
गर्व से सुभाष बापू के डगर पे हम सबको चलना सिखलायेंगे।।
आज़ाद देश के गुलाम बन कर जी रहे हैं हम।
फिर भी आज़ादी की कीमत सभी को बतायेंगे।।